तीन तलाक को लेकर देश में छिड़ी जोरदार बहस के बीच मुसलमानों की तुर्क बिरादरी ने बड़ी पहल करते हुए अपने समाज में एक साथ तीन तलाक देने पर पाबंदी लगायी है और कहा है कि अब तीन तलाक के मामले में सारी गलती शौहर की मानी जाएगी। साथ ही पंचायत के पास उसे सजा देने का अधिकार होगा।
अगर किसी मुस्लिम महिला का पति शराबी है और उसमें कमियां है। वह बीमार या अक्षम है तो मुस्लिम महिला अपने पति को तलाक दे सकती है। लेकिन इसकी शर्त यह है कि वह निकाह के दौरान अपने पति से इस तरह का करारनामा कर लिया हो। शरीयत के हवाले से दरगाह आला हजरत दारुल इफ्ता मंजरे इस्लाम के मुफ्ती सलीम नूरी ने हाल ही में एक फतवा जारी कर यह बात साफ की है और तफवीजे़ तलाक कहे जाने वाले इस हक की शर्तें भी बतायी हैं। अब तक यही आम धारणा थी कि तलाक का हक सिर्फ पति को है महिला तलाक नहीं दे सकती।