"कई बार इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने वापस ले लिया है अपना त्यागपत्र", इतने कंफ्यूजन में क्यों हैं नवजोत; नटवर सिंह ने खोल दी सारी पोल
कांग्रेस के एक नेता हैं जिनका नाम है नवजोत सिंह सिद्धू। वो इतने कंफ्यूज दिखते हैं कि इस्तीफा देने के बाद फिर से इसे वापस ले लेते हैं। अब ताजा वाकया पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर है। सिद्धू ने इस्तीफा देने के बाद इसे वापस ले लिया है। इस बात की जानकारी प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने बीते दिनों दी। लेकिन, ऐसा सिद्धू के लिए एक बार नहीं है जब उन्होंने त्यागपत्र देने के बाद इस्तीफा वापस ले लिया हो।
इससे पहले भी राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने उस वक्त के सभापति हामिद अंसारी के पास पहुंच कहा था कि क्या वो अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं। जिस पर अंसारी ने कहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है।
दरअसल, 16 अक्टूबर को पार्टी ने दावा किया कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष पद से दे दिया था। ये वाकया नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद हुआ था। इस इस्तीफे की बड़ी वजह सीएम चन्नी माने जा रहे थे जिनके जरिए सिद्धू राज्य में सरकार चलाना चाह रहे थे। लेकिन, सीएम चन्नी ने इसे नजरअंदाज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने चन्नी पर कैबिनेट में दागियों को जगह देने का भी आरोप लगाया।
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अब सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि सिद्धू अपने पद को लेकर कंफ्यूज होते हैं। अंसारी मामले को लेकर खुलासा पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता नटवर सिंह ने किया था।
पिछले महीनें प्रदेश अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफा सौंपने पर पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री नटवर सिंह ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि, "कांग्रेस की वर्तमान स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है, इसके लिए तीन लोग जिम्मेदार हैं, उनमें से एक राहुल गांधी हैं, जिनके पास कोई पद भी नहीं है।"
उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए सीधे तौर पर कहा था कि अब न तो कभी वर्किंग कमिटी की मीटिंग होती है और न कभी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाई जाती है। नटवर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने का फैसला लिया है, जिनका 52 साल का लंबा अनुभव रहा है। अब एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में कमान सौंपी गई है जो स्थिर नहीं है।
उन्होंने कहा था कि एक बार सिद्धू ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था और फिर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से मुलाकात करके कहा था कि क्या मैं उसे वापस ले सकता हूं। इस पर हामिद अंसारी ने कहा कि अब तो इस्तीफा वापस नहीं लिया जा सकता है।
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इससे पहले भी कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू पर सवाल उठा चुके हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने कहा था, "मैंने कहा था कि ये आदमी स्टैबल नहीं है। सिद्धू पंजाब के लिए ठीक नहीं है।"
दरअसल, सिद्धू चाहते हैं कि पार्टी उनपर एक बार भरोसा करके अगले विधानसभा चुनाव में बतौर चेहरा उतारे। हालांकि, ये अभी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन, सिद्धू को मौका मिल सकता है। जबकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे कांग्रेस का नुकसान हो सकता है। क्योंकि, सिद्धू की उस तरह की पकड़ राज्य की जनता में नहीं है जितना कैप्टन अमरिंदर सिंह का है। पिछले विधानसभा चुनाव में कैप्टन ने अपनी बदौलत कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई थी।