नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पार्टी में जो सियासी हलचल पैदा हुई थी वो अब शांत होती नजर आ रही है। पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद, नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि उनकी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है और पार्टी ने दावा किया कि वह राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में बने रहेंगे।
एआईसीसी के पंजाब प्रभारी महासचिव हरीश रावत ने संवाददाताओं से कहा कि सिद्धू ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और वह अपने पद पर बने रहेंगे क्योंकि अब पार्टी के लिए इस्तीफे का मामला खत्म हो गया है।
दरअसल शुक्रवार को सिद्धू ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल गांधी के साथ करीब आधे घंटे तक चली बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''मुझे जो भी चिंता थी, मैंने राहुल गांधी जी से साझा की। मेरी सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है।''
बाद में उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने राहुल गांधी जी के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है, आश्वासन दिया गया कि उन्हें सुलझा लिया जाएगा।"
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बैठक में मौजूद रावत ने बाद में कहा कि उनके इस्तीफे का मुद्दा अब खत्म हो गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "उन्होंने राहुल गांधी को आश्वासन दिया है कि वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं और पीसीसी प्रमुख के रूप में अपना कर्तव्य फिर से शुरू कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "नवजोत सिद्धू ने पार्टी नेताओं के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम मुख्यमंत्री से बात करें और शेष मुद्दों को हल करें। हमने उनसे कहा है कि उनकी चिंताओं पर बहुत जल्द ध्यान दिया जाएगा।"
बता दें कि सिद्धू ने 28 सितंबर को ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया था। प्रदेश में नवगठित चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के कुछ फैसलों से खफा सिद्धू ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। चन्नी सरकार ने इकबालप्रीत सिंह सहोता को राज्य के डीजीपी का कार्यभार सौंपा। वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को महाधिवक्ता बनाया। सिद्धू इन दोनों फैसलों से खफा थे। यही वजह है कि उन्होंने अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर आलाकमान को भी चौंका दिया था।