साल 2020 का साहित्य में नोबेल पुरस्कार अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को दिया गया। स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि कवयित्री लुईस को उनकी बेमिसाल काव्यात्मक आवाज के लिए इस सम्मान से नवाजा गया, जो खूबसूरती के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाता है। लुईस येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं।
लुईस ग्लुक के कविता के बारह संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उनकी कविताओं में खुद के सपनों और भ्रमों के बारे में जो कुछ बचा है, उसे कहा गया है। कविता में स्वयं के भ्रम का सामना करने के लिए उससे कठिन कोई नहीं हो सकता। द ट्रायम्फ ऑफ अकिलीस (1985) और अरार्ट (1990) जैसे उनके संग्रहों में प्रमुख हैं। उनका जन्म 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था।
उनके नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि उनके लेखन में बाद की पुनरावृत्ति के लिए इन तीन विशेषताओं में एकत्र होना दिखाई देता है। इसमें पारिवारिक जीवन के विषय; तीक्ष्ण गोपनीयता और रचना का एक परिष्कृत अर्थ जो पुस्तक को समग्र रूप से चिह्नित करता है।
बता दें कि विवाद की वजह से कई वर्षों के बाद साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। 2018 में स्वीडिश अकादमी में यौन शोषण के आरोपों के बाद पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था। 2018 में इस स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना के पति और फ्रांसीसी फोटोग्राफर जेन क्लोड अरनॉल्टपर यौन शोषण के आरोप लगने के कारण स्थगित किया गया था।