Advertisement

जाने-माने चित्रकार नंबूथिरी का निधन, 98 वर्ष में ली अंतिम सांस

देश के प्रसिद्ध साहित्यिक चित्रकारों में शामिल नंबूथिरी का गुरूवार देर रात निधन हो गया। वह 98 वर्ष के...
जाने-माने चित्रकार नंबूथिरी का निधन, 98 वर्ष में ली अंतिम सांस

देश के प्रसिद्ध साहित्यिक चित्रकारों में शामिल नंबूथिरी का गुरूवार देर रात निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। नंबूथिरी के परिवार ने बताया कि उनका बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों के कारण देर रात 12 बजकर 20 मिनट पर कोट्टाक्कल के एक निकटवर्ती अस्पताल में निधन हो गया।

अपने कई दशक पुराने करियर में नंबूथिरी ने दक्षिणी राज्य में साहित्यिक प्रकाशनों के लिए कई लोकप्रिय चरित्रों के लिए चित्रकारी की। राजा रवि वर्मा पुरस्कार से सम्मानित नंबूथिरी अपनी अलग शैली के रेखाचित्रों के लिए जाने जाते थे।

नंबूथिरी ने 1960 के दशक से वर्ष 2010 तक लगभग सभी महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के लिए चित्रकारी की। उन्होंने जिन प्रसिद्ध रचनाओं के चरित्रों के लिए चित्रकारी की, उनमें ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम टी वासुदेवन नायर का प्रसिद्ध उपन्यास ‘रंदमुज्हम’ भी शामिल है। नंबूथिरी की कलाकारी ने वी के एन जैसे विख्यात लेखकों के पाठकों के मन पर अमिट छाप छोड़ी।

केरल के पोन्नानी में जन्मे नंबूथिरी ने अपने घर के पास एक मंदिर की मूर्तियों से प्रेरित होकर बचपन में ही चित्रकारी और मूर्तिकारी की दुनिया में कदम रख दिया था।

प्रसिद्ध कलाकार के सी एस पणिक्कर के शिष्य नंबूथिरी ने देबी प्रसाद रॉय चौधरी और एस धनपाल जैसे दिग्गज चित्रकारों से भी प्रेरणा ली। उन्होंने ‘मद्रास स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स’ में चित्रकारी का अध्ययन किया।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष ए एन शमसीर ने नंबूथिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad