यहां कल से प्रारंभ प्रथम विश्व प्रवासी भारतीय स्मरण-उत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं। इस मौके पर भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कर इसे संवैधानिक दर्जा दिये जाने की केंद्र सरकार से मांग की गयी। बड़ा लालपुर स्थित जीवनदीप शिक्षण समूह परिसर में इंडियन डायस्पोरा और विश्व भोजपुरी केंद्र के सहयोग से आयोजित इस चार दिवसीय सम्मेलन में मारिशस, फिजी, सूरीनाम सहित कई देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
गोवर्धन ने इस अवसर पर कहा कि वाराणसी में सौ करोड़ रुपये की लागत से प्रवासी भोजपुरी धाम एवं स्मार्ट विलेज बनाया जाएगा। पांच एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित भोजपुरी धाम में लाइब्रेरी, म्यूजियम और गेस्ट हाउस के साथ भोजपुरी माई मंदिर बनाने की योजना है। मंदिर में भोजपुरी माई की 108 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि मारिशस में भी भोजपुरी माई की 108 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गयी है, जहां लोग उनकी पूजा करते हैं।
सम्मेलन के संयोजक डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि अगले वर्ष अक्तूबर में इस कार्यक्रम की जाएगी। इस बीच आगमी 19 से 26 फरवरी के बीच वाराणसी से एक प्रतिनिधिमंडल मारीशस जाएगा, जिसमें संस्कृति, कला व व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल होंगे।
एजेंसी