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मैगज़ीन डिटेल

50 वर्ष मील के पत्थर/आवरण कथा: 1975 के रजत पटल

पचास साल बाद 1975 की मील के पत्थर जैसी घटनाओं को इस नजरिए से याद करें कि उसने क्या कुछ बदला और उससे हम क्या सबक लें

50 वर्ष मील के पत्थर/शोले: आज भी भड़कते हैं ‘शोले’

यह सिर्फ फिल्म ही नहीं बल्कि जीवन का फलसफा है, जो गहराई से उतरने पर साफ नजर आता है, इसका हर पात्र जीवन की है प्रेरणा

50 वर्ष मील के पत्थर/शोले: नाहरसिंह बघेल उर्फ सूरमा भोपाली

हिंदुस्तान के मध्यमवर्गीय शहरों के समाज में अनगिनत सूरमा भोपाली और काले मामा जिंदा हैं और रहेंगे। सूरमा भोपाली तो बस एक मिसाल है।

50 वर्ष इंटरव्यू/जावेद अख्तर: ‘‘मालूम नहीं था कि इतनी बड़ी फिल्म बन जाएगी ’’

मशहूर गीतकार, शायर और पटकथा लेखक जावेद अख्तर से अरविंद मण्डलोई की बातचीत के अंशः

50 वर्ष मील के पत्थर/ नजरिया: पर्दे से डिजिटल स्क्रीन तक धमाल

शोले महज फिल्म नहीं, परदे पर एक्शन, इमोशन, डायलॉग का महाकाव्य है, जिसने फिल्मी दुनिया को शोले से पहले और शोले के बाद के काल में बांट दिया

50 वर्ष मील के पत्थर/ 1975 के अन्य ऐतिहासिक मुकाम: जिनसे बदल गई दुनिया

1975 में इमरजेंसी और शोले के अलावा हुई घटनाएं, जिनसे देश और दुनिया हमेशा के लिए बदल गई या जो बदलाव की नींव साबित हुईं

क्रिकेटः सिराज की जादुई चमक

इंग्लैंड से 2-2 पर ड्रॉ टेस्ट सीरीज में आखिरी ओवल टेस्ट में 6 रनों की चमत्कारी जीत में सिराज की गेंदों का कमाल था

फिल्म/इंटरव्यू/अशोक मिश्र : हास्य में गंभीर बात हो सकती है

व्यंग्य में गहरी से गहरी बात कह सकते हैं। व्यंग्य मेरा जॉनर भी है। मैं वेल डन अब्बा, वेलकम टू सज्जनपुर भी लिख चुका हूं।

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

राजनीति: मुद्दा आयोग?

बिहार में एसआइआर और वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों पर विपक्ष का हमलावर रुख, लेकिन चुनाव आयोग के बचाव में भाजपा

कूटनीति: पश्चिम में बखेड़ा तो पूरब मुड़े

ट्रम्प के टैरिफ वॉर से नई दिल्ली की पुराने संबंधों को जगाने और वैश्विक रणनीति को नई दिशा देने की झिझक के साथ तैयारी

अर्थव्यवस्था: छंटनी की मार भारी

एआइ, मंदी की मार और अमेरिका के बदले रवैए की वजह से बड़ी आइटी कंपनियों में नौकरियां घटने का बड़ा संकट

मुंबई-मालेगांव विस्फोट: वे मारे गए, मारा किसी ने नहीं

मुंबई-मालेगांव विस्फोट दोनों मामलों के आरोपी बरी हो गए, पीड़ित और परिवार न्याय की धुंधली तस्वीर में पूछते ही रह गए तो दोषी कौन

प्रथम दृष्टि: डॉलर बम

पाकिस्तान के सियासी हुक्मरानों और उनके फौजी आकाओं को यह समझना पड़ेगा कि अब किसी सुपर पॉवर के लिए जंग जीतने की खातिर परमाणु बम से ज्यादा डॉलर बम मुफीद है

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पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा: उरई

उरई को राजा माहिल के शहर के रूप में भी जाना जाता है

स्मृति: झारखंड के 'लेनिन'

शिबू सोरेन ने 1965 और 1970 के बीच धनकटनी आंदोलन (फसल जब्ती आंदोलन) शुरू किया। उस आंदोलन में आदिवासी नौजवानों के जत्थों ने साहूकारों से पूछे बिना आदिवासी जमीन पर उगाई गई फसलों की कटाई की