नई दिल्ली। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) रंगमंडल के प्रमुख एवम प्रसिद्ध रंगनिर्देशक तथा डिज़ाइनर राजेश सिंह और चर्चित अभिनेत्री प्रियंका शर्मा को समकालीन रंगमंच में उल्लेखनीय योगदान के लिए "वीरेंद्र नारायण जन्मशती सम्मान" के लिए चुना गया है।
वीरेन्द्र नारायण जन्मशती समारोह समिति की ओर से इन दोनों रंगकर्मियों को राजधानी में इस साल 16 नम्बर को प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और रंगकर्मी तथा नाट्य आलोचक वीरेन्द्र नारायण की सौंवी जयंती पर आयोजित एक गरिमापूर्ण सम्मारोह में यह सम्मान दिया जाएगा। सम्मान में 11 हज़ार रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र एवम प्रतीक चिन्ह आदि शामिल हैं।
इन रंगकर्मियों का चयन प्रसिद्ध रंग समीक्षक एवम पत्रकार रवींद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ सांस्कृतिक पत्रकार एवम संपादक अरविंद कुमार एवम प्रसिद्ध वास्तुकार विजय नारायण की निर्णायक समिति ने किया। प्रख्यात संस्कृतिकर्मी एवम लेखक अशोक वाजपेयी ये पुरस्कार प्रदान करेंगे।
चयन समिति के अनुसार "इन दोनों रंगकर्मियों ने समकालीन रंगमंच को समृद्ध किया है और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।इनके उल्लेखनीय योगदन को देखते हुए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।"
16 नवम्बर 1923 को बिहार के भागलपुर में जन्मे श्री नारायण बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे स्वतंत्रता सेनानी के अलावा पत्रकार, नाटककार, अभिनेता और निर्देशक भी थे। वे भारत छोड़ो आंदोलन में फणीश्वर नाथ रेणु और सतीनाथ भादुड़ी के साथ भागलपुर जेल में बन्द थे और जयप्रकाश नारायण के सहयोगी थे। उनके अखबार "जनता "में वे सहायक संपादक थे।1950 में "नई धारा" पत्रिका में भी सहायक सम्पादक थे।उन्होंने करींब 20 नाटक लिखे थे। वे भारत में लाइट एंड साउंड कार्यक्रम के सूत्रधार थे तथा "रामचरित मानस "विद्यापति "सुब्रमनियम भारती" पर लाइट एंड साउंड प्रोग्राम किये थे। उन्होंने हरिवंश राय बच्चन द्वारा अनुदित " मैकबेथ "नाटक का निर्देशन भी किया था जिसका उद्घटान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने किया था। उन्होंने 1955 में अम्बपाली नाटक का निर्देशन किया था जिसके मुख्य अतिथि तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद थे। उनके द्वारा निर्देशित " रामचरित मानस" को देखने तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई आये थे।
जन्म शती समारोह समिति की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, बिहार के चम्पारण में 22 नवम्बर 1979 में जन्मे राजेश सिंह इस समय समकालीन रंगमंच के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। वे एनएसडी के छात्र रहे हैं।उन्होंने बीस नाटकों का निर्देशन किया और डेढ़ सौ नाटकों के निर्माण से जुड़े रहे।उन्होंने इंक्लास फेलोशिप के तहत ब्रिटेन के लंदन अकेडमी ऑफ म्यूजिक एंड ड्रामेटिक आर्ट से डिग्री प्राप्त की है । उन्हें संगीत नाटक अकेडमी का युवा बिस्मिल्लाख खान अवार्ड भी मिल चुका है। उन्होंने देश के सभी चर्चित निर्देशकों के साथ नाटकों में काम किया है और विदेशों में थिएटर फेस्टिवल में भी भाग ले चुके हैं।
12 अगस्त 1987 को दिल्ली में जन्मी प्रियंका शर्मा गत दो दशक से नाटकों की दुनिया में सक्रिय हैं और समकालीन रंगमंच की एक जानी मानी अभिनेत्री हैं। उन्होंने औरंगजेब, ध्रुवस्वामिनी, आषाढ़ का एक दिन, उमराव जान, जिस लाहौर नइसलिए वेख्या, रुदाली, सोनम गुप्ता बेवफा है, जैसे अनेक चर्चित नाटकों में मुख्य महिला पात्र काअभिनय किया है। वे हर साल" तफरीह "नाम से थिएटर फेस्टिवल भी आयोजित करती हैं। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं।