वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट को ‘बही-खाता’ नाम दिया गया है। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण विकास को लेकर कई बातें रखीं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि देश की आत्मा गांव में बसती है। गांव-गरीब और किसान हमारे केंद्र बिंदु होंगे। 2022 तक गांव के हर परिवार के पास बिजली और एलपीजी दिया जाएगा। 2022 तक सबको घर का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। आवासों को पूरा करने के लिए दिनों की औसत संख्या 314 से घटकर 114 दिन हुई।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पानी के लिए जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया है। जल आपूर्ति के लक्ष्य को लागू किया जा रहा है। 1500 ब्लॉक की पहचान की गई है। इसके जरिए हर घर तक पानी पहुंचाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य 2024 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 1000 दिनों में 130 से 135 किमी लंबी सड़कें रोज बनाईं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रीन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से 30 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जा चुकी हैं। इसमें वेस्ट प्लास्टिक और कोल मिक्स्ड टेक्नॉलजी से कार्बन फुटप्रिंट को कम किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1.25 लाख किमी सड़कों को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। इस पर 80,250 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना का दूसरा चरण
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में 2020 से 2021-22 के दौरान 1.95 करोड़ घरों के आवंटन का लक्ष्य रखा गया है। इनमें शौचालय, बिजली कनेक्शन और गैस (एलपीजी) की सुविधा होगी। 2015-16 में इस योजना के तहत घर बनाने में 314 दिन लग जाया करते थे लेकिन प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से इसे घटाकर अब महज 114 दिनों तक ला दिया गया है।
2022 तक सभी तक उज्जवला योजना
उज्ज्वला योजना के तहत गांव में मिले एलपीजी कनेक्शन, बिजली की सुविधा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2022 तक सभी गांव की सभी फैमिली को बिजली और एलपीजी गैस की सुविधा दी जाएगी। सीतारमण ने कहा कि जो लोग कनेक्शन नहीं लेना चाहते, उन्हें छोड़कर 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।
अगले 5 सालों में 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे। 2019-20 के दौरान 100 नए बांस, शहद और खादी कलस्टर की स्थापना होगी। ऐसे उद्योगों में कौशल विकास के लिए 80 आजीविका बिजनस इंक्यूबेटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ आईटी विकास के लिए 20 बिजनस इंक्यूबेटर बनाए जाएंगे।
5.6 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त
मछुआरों को लिए भी ऐलान। प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना के तहत मत्स्यिकी ढांचे की स्थापना होगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत 2 करोड़ गांव बने डिजिटल साक्षर। वित्त मंत्री ने बताया कि 5.6 लाख गांव अब तक खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। सीतारमण ने कहा कि 2 अक्टूबर, 2019 को भारत खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा।