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हिमाचल प्रदेश/इंटरव्यू /सुखविंदर सिंह सुक्खू: "केंद्र की पैसे में कटौती भारी"

इतिहास में पहली बार राज्य तीन हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन जुटा सका है। हिमाचल प्रदेश के...
हिमाचल प्रदेश/इंटरव्यू /सुखविंदर सिंह सुक्खू:

इतिहास में पहली बार राज्य तीन हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन जुटा सका है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आधा कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। फिलहाल राज्य की राजकोषीय स्थिति कमजोर है, केंद्र का अनुदान घटता जा रहा है और कर्ज बढ़ते जा रहा हैं। राज्य के संसाधन बहुत ही सीमित हैं। आउटलुक के अश्वनी शर्मा ने इन आर्थिक चुनौतियों की सूरत में राज्य के विकास पर सुक्खू के प्रयासों को लेकर उनसे बात की है। संपादित अंशः

आपने राज्य का बजट अभी पेश किया है। विकास की प्राथमिकताओं और कमजोर राजकोषीय स्थितियों से निपटने की क्या योजनाएं हैं?

सरकार बनाने के बाद यह मेरा तीसरा बजट है। मैंने कहा है कि 2025-26 राजस्व घाटे, सिकुड़ते अनुदान, केंद्र द्वारा की गई कटौती और गिरते पूंजीगत व्यय के कारण चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। हमारा जोर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, पर्यावरणीय टिकाऊपन, इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि, पर्यटन और रोजगार सृजन पर है।

अगले वर्ष के बजट में मौजूदा वर्ष के मुकाबले 71 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। पैसा कहां से आएगा?

हमने अतिरिक्त संसाधन जुटाने की कोशिश की है। इतिहास में पहली बार राज्य तीन हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन जुटा सका है। सरकार ने बिजली के उपयोग पर सब्सिडी में कटौती की है जिसमें समर्थ लोगों से स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने को कहा गया है।

केंद्र से अनुदान में कटौती की बात आप कर रहे थे, विस्तार से बताएं।

राज्य को 2021-22 में जीएसटी के तहत 10,949 करोड़ रुपये का अनुदान मिला था। यह साल दर साल गिरते हुए 2025-26 में 3,257 करोड़ रुपये पर आ चुका है।

केंद्र द्वारा अनुदान में कटौती का विपक्षी पार्टी भाजपा खंडन कर रही है।

राज्य में 2023 में जो कुदरती आपदा आई थी, उसके मद में 9,042 करोड़ रुपये का दावा लंबित है। पुरानी पेंशन लागू करने के बाद हमने 9,242 करोड़ रुपये के रिफंड का दावा सरकारी कर्मचारियों के लिए किया था। भाखड़ा ब्यास बोर्ड की परियोजनाओं में हमारा हिस्सा अब भी लंबित है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में निर्णय दिया था।

इन चुनौतियों के बावजूद आपको सूबे को 2027 तक स्वावलंबी बनाने का भरोसा कैसे है?

हमने प्रक्रियाओं को सरल बनाते हुए उनके समयबद्ध कार्यान्वयन को तय किया है ताकि देरी से होने वाली अतिरिक्त लागत बच सके। कर चोरी को रोकने, अनावश्यक कानूनों को खत्म करने से सकारात्मक परिणाम मिला है और बिक्री, वाणिज्य, वैट, आबकारी और स्टांप शुल्क से कर संग्रह 21.48 फीसदी बढ़ा है।

कर्ज को लेकर बहुत चिंताएं हैं, जो दो साल में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है।

इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। हमने  29,046 करोड़ रुपये का कर्ज उठाया था जिसमें से 12,266 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान में चला गया जबकि 8,087 करोड़ रुपये मूल के भुगतान में। 8,693 करोड़ रुपये ही विकास के लिए बचा। यानी, 70 फीसदी कर्ज भुगतान और ब्याज पर खर्च हो गए।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की बड़ी योजनाएं क्या हैं?

पहली बार गाय और भैंस के दूध, गेहूं, हल्दी, आलू के बीज के उत्पादन और मक्के के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।

खालिस्तान समर्थक लोगों ने पंजाब में हिमाचल रोडवेज की बसों पर हमला किया है। क्या यह चिंताजनक नहीं है?

बिलकुल है। मणिकर्ण घूमने और कुछ सिख युवकों की बाईकों से भिंडरांवाले के पोस्टर हिमाचल पुलिस द्वारा हटाए जाने की प्रतिक्रिया में ये हमले हुए हैं। मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बात की है। उन्होंने भरोसा दिलवाया है कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और हिमाचल की सरकारी बसों को पूरी सुरक्षा मिलेगी।

राज्य ड्रग्स की समस्या से जूझ रहा है। ड्रग की अति से नौजवान मर रहे हैं। इसे कैसे संबोधित करेंगे?

हमने ड्रग्स के गिरोहों का दमन किया है और कई अपराधियों को गिरफ्तार किया है। सरकार ड्रग निरोधक कानून में बदलाव करने की योजना बना रही है। कड़े दंड प्रावधान किए जाएंगे। साथ में अवैध गतिविधि निरोधक कानून और एचपीकोका जैसे कानून बनाने का प्रस्ताव है।

 

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