Advertisement

बजट 2022: भारत के पहले बजट से लेकर अब तक, जानिए इससे जुड़ी दिलचस्प और ऐतिहासिक बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस तरह वह अपना...
बजट 2022: भारत के पहले बजट से लेकर अब तक, जानिए इससे जुड़ी दिलचस्प और ऐतिहासिक बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस तरह वह अपना चौथा बजट पेश करेंगी। इस बार का बजट पूरी तरह से पेपरलेस होगा। हर साल बजट को एक बड़े इवेंट के तौर पर देखा जाता है। भारत में बजट का इतिहास काफी दिलचस्प और रोचक है। देश में कई ऐतिहासिक बजट पेश हुए हैं। भारत के लिए बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश काल में 1860 में शुरू हुई थी।

आइए जानते हैं बजट से जुड़ी दिलचस्प और ऐतिहासिक बातें-

-  सबसे पहले तो यह बता दें कि भारत में पहली बार बजट 7 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश साम्राज्ञी के समक्ष भारत का बजट रखा था।

-  वहीं अगर आज़ाद भारत के पहले बजट की बात करें तो 26 नवंबर 1947 को पेश किया गा था। इस बजट में 15 अगस्त से लेकर अगले सात महीने यानी 31 मार्च 1948 तक की अवधि को कवर किया गया था। यह बजट उस समय के वित्त मंत्री आरके शनमुखम शेट्टी ने पेश किया था। देश के पहले बजट में टैक्स का प्रस्ताव नहीं था।

-  1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में पेश किया जाता था लेकिन 1955-56 से बजट डॉक्युमेंट का प्रकाशन अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में किया जाने लगा।

देश के इतिहास में सबसे अधिक बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री मोरारजी देसाई हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार केंद्रीय बजट पेश किया था। पी चिंदबरम ने आठ बार केंद्रीय बजट पेश किया था। पूर्व वित्त मंत्रियों यशवंतराव चव्हाण, सीडी देशमुख और प्रणब मुखर्जी ने सात-सात बार बजट पेश किया था।

-  1998 से पहले बजट शाम को पेश किए जाते थे। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अंग्रेजों के समय की इस प्रथा को खत्म करते हुए सुबह के समय बजट पेश किया था। उन्होंने 1998-1999 का बजट सुबह में पेश किया था।

-  पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास 1970-71 में कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का भी चार्ज था और वह बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं। इसके बाद मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहीं निर्मला सीतारमण 2019 में बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं।

 

-  सबसे लंबे बजट भाषण की बात करें तो यह रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण के नाम है। उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट लंबा भाषण दिया था। वहीं सबसे छोटा भाषण 1977 में उस समय वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल ने दिया था। उन्होंने सिर्फ 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था।

-  2016 तक फरवरी के आखिरी दिन को बजट पेश किया जाता था। हालांकि, 2017 से यह परंपरा बदल गई जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया था। 

-  पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था। 2017 में इसे केंद्रीय बजट में शामिल कर दिया गया, जिसके बाद इससे जुड़ी 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई।

- पहले भारत में वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लाल ब्रीफकेस लेकर आया करते थे, लेकिन 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन लुक देते हुए इसे कपड़े का बनवाया। सीतारमण 2019 में परंपरागत ब्रीफकेस की जगह इसी बही-खाता (लाल रंग का एक पैकेट जिस पर राष्ट्रीय चिह्न होता है) में बजट डॉक्युमेंट लेकर आई थीं।

- 1950 तक बजट का मुद्रण राष्ट्रपति भवन में होता था, लेकिन इसके लीक होने के बाद मुद्रण नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगा। फिर 1980 में वित्त मंत्रालय के भीतर ही सरकारी प्रेस में इसका मुद्रण होता है।

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad