बजट 2017-18 में अनुसूचित जातियों के लिए आबंटन 38,833 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 52,393 करोड़ रुपये किया गया है जो लगभग 35 प्रतिशत अधिक है। अनुसूचित जनजातियों के लिए आबंटन बढ़ाकर 31,920 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक मामलों के लिए आबंटन बढ़ाकर 4,195 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार नीति आयोग द्वारा इन क्षेत्रों में व्यय की परिणाम आधारित निगरानी की शुरुआत करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्मार्ट कार्ड शुरू किए जाएंगे, जिनमें उनके स्वास्थ्य संबंधी विवरण दर्ज होगा। वर्ष 2017-18 के दौरान 15 जिलों में प्रायोगिक योजना के जरिये इसकी शुरुआत की जाएगी। एलआईसी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए निश्चित पेंशन योजना लागू करेगी, जिसमें 10 वर्ष तक प्रतिवर्ष आठ प्रतिशत प्रतिलाभ मिलने की गारंटी होगी।
अरुण जेटली ने कहा कि 14 लाख आईसीडीएस आंगनवाड़ी केंद्रों में 500 करोड़ रुपये के आबंटन के साथ गांव स्तर पर महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के लिए ‘वन स्टॉप’ सामूहिक सहायता प्रदान करेगा। गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की राष्ट्रव्यापी योजना के अंतर्गत छह हजार रुपये सीधे ऐसी गर्भवती महिला के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे, जो किसी चिकित्सा संस्था में बच्चे को जन्म देगी और अपने बच्चों का टीकाकरण कराएगी।
बजट अनुमान 2017-18 में सभी मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत महिला और बाल कल्याण के लिए आबंटन 1,56,528 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,84,632 करोड़ रुपये कर दिया गया है।