आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। कल यानि 1 फरवरी को भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रही है। यह अंतरिम बजट होगा। लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट में की जाने वाली संभावित लोक लुभावन घोषणाओं को लेकर रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सरकार को चेताया है। फिच ने कहा है कि ऐसा होने की स्थिति में सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक सकती है।
बता दें कि शुक्रवार को सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी और माना जा रहा है कि इसमें किसानों और मध्य वर्ग के लिए बड़ी राहत की घोषणा की जा सकती है।
आम चुनावों में जीत को लेकर अधिक आशान्वित नहीं है बीजेपी
फिच ने गुरुवार को कहा कि सत्ताधारी भाजपा सरकार पर मतदाताओं को लुभाने, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों और छोटे कारोबारियों को लुभाने के लिए नए खर्च का दबाव है। सरकार पर खर्च करने का दवाब इसलिए बढ़ा हुआ है क्योंकि भाजपा अब आम चुनावों में अपनी जीत को लेकर अधिक आशान्वित नहीं है।
लोकलुभावन खर्च की वजह से बढ़ेगा रोजकोषीय दबाव
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हालिया विधानसभा चुनावों में ग्रामीण इलाकों में दिक्कतों तथा रोजगार सृजन को लेकर चिंता की वजह से भाजपा को वोट गंवाने पड़े हैं। फिच ने कहा कि लोकलुभावन खर्च की वजह से रोजकोषीय दबाव बढ़ेगा। यह दबाव राजस्व संग्रह में कमी की वजह से पहले से बना हुआ है।
लगातार दूसरे साल सरकार अपने राजकोषीय लक्ष्य से चूक जाएगी
फिच ने कहा कि चुनाव से पहले ज्यादा खर्च से लगातार दूसरे साल सरकार अपने राजकोषीय लक्ष्य से चूक जाएगी। इससे सरकार के राजकोषीय घाटे और कर्ज के बोझ को कम करने में और विलंब होगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि स्वायत्त रेटिंग के लिए दीर्घावधि का रुख अधिक महत्वपूर्ण होता है। हालांकि, फिच का मानना है कि इन सब स्थितियों के बावजूद सरकार 2018-19 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर रखने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती है। यह तभी हासिल होगा जबकि पूंजीगत व्यय और बिल भुगतान को मार्च के बाद तक के लिए टाला जाए।