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नए टैक्स सिस्टम में कम कमाई वालों को नुकसान तो ज्यादा को फायदा, समझें पूरा गणित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब बजट भाषण पढ़ते हुए इनकम टैक्स छूट का ऐलान कर रही थी, तो शुरुआती समय में...
नए टैक्स सिस्टम में कम कमाई वालों को नुकसान तो ज्यादा को फायदा, समझें पूरा गणित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब बजट भाषण पढ़ते हुए इनकम टैक्स छूट का ऐलान कर रही थी, तो शुरुआती समय में ऐसा लगा कि सरकार ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दे दी है। लेकिन बजट में उन्होंने इस छूट को पाने के लिए एक शर्त भी रख दी है। यानी घटे हुए टैक्स रेट का फायदा तभी मिलेगा, जब करदाता पुराने सिस्टम के तहत 80 सी, 80 डी और दूसरे अन्य विकल्प का फायदा नहीं उठाएगा। यानी आप इन्श्योरेंस स्कीम, पीपीएफ, होम लोन, हाउस रेंट अलाउंस आदि मिलने वाले फायदे का लाभ नहीं ले पाएगा। इस पेंच से जो कैलकुलेशन बनता है, उसके आधार पर साफ है कि कम इनकम वालों को नए टैक्स सिस्टम में नकुसान होगा, जबकि ज्यादा कमाने वालों को ज्यादा टैक्स बचत होगी।

चार्टर्ड अकाउंटेट समीर गोगिया के इस टेबल से आप समझ सकते हैं कि कैसे बनेगी देनदारी

                                                नए विकल्प से आपको फायदा या नुकसान

 

 अगर पुराना विकल्प चुनते हैं

 नया ऑप्शन चुनते हैं

टैक्स बचत

इनकम

 टैक्स देनदारी

टैक्स देनदारी

 

0-5 लाख रु तक

0

0

-

7.5 लाख रु तक

23,400

39,000

-15,600

10 लाख रु तक

75,400

78,000

-2,600

12.5 लाख रु तक

1,32,600

1,30,000

2,600

15 लाख रु तक

2,10,600

1,95,000

15,600

17.5 लाख रु तक

2,88,600

2,73,000

15,600

नोट- अगर करदाता पुराने विकल्प के तहत 2 लाख रुपये की टैक्स छूट के लिए बचत करता है

अब वित्त मंत्री का क्या है गणित

वित्त मंत्री ने कहा है कि अगर कोई करदाता नए टैक्स सिस्टम को अपनाता है तो उसे बड़ा फायदा मिलेगा। उनके अनुसार इसके तहत 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 78 हजार रुपये की बचत होगी। आइए समझते है कि वित्त मंत्री कैसे इस बचत की बात कर रही है। वित्त मंत्री ऐसा मान रही है कि कोई व्यक्ति पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्स सेविंग का फायदा नहीं लेता है, तो उसे 78 हजार रुपये का फायदा होगा। हालांकि ऐसा नहीं होता है, क्योंकि करदाता अपनी क्षमता के अनुसार हमेशा टैक्स सेविंग का विकल्प चुनता है।

                                                        वित्त मंत्री का क्या है गणित

 

 अगर पुराना विकल्प चुनते हैं

 नया ऑप्शन चुनते हैं

टैक्स बचत

इनकम

 टैक्स देनदारी

टैक्स देनदारी

 

0-5 लाख रु तक

0

0

-

7.5 लाख रु तक

65000

39000

26000

10 लाख रु तक

1,17,000

78,000

39,000

12.5 लाख रु तक

1,95,000

1,30,000

65,000

15 लाख रु तक

2,73,000

1,95,000

78,000

17.5 लाख रु तक

3,51,000

2,73,000

78,000

नोट- अगर करदाता टैक्स सेविंग का कोई विकल्प नहीं चुनता है

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