अंतरिम बजट में केंद्र सरकार की तरफ से मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया गया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के दौरान पांच लाख रुपये तक की सालाना आमदनी को टैक्स फ्री करने की घोषणा की। उन्होंने टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया। यानी अब पांच लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि 5 लाख रुपये की इनकम रिबेट के रुप में मिलेगी। यानी वह एक्जेमशन नहीं होगा। इसे ऐसे समझिए कि आप की अगर इनकम 8 लाख रुपये सालाना है, तो 5 लाख रुपये कम करके 3 लाख रुपये टैक्सेबल इनकम नहीं बनेगी। उस स्थिति में पुराना इनकम टैक्स स्लैब ही लागू होगा। यानी 5 फीसदी , 20 फीसदी और 30 फीसदी टैक्स रेट ही लगेगा।
6.5 लाख रुपये की इनकम हो जाएगी टैक्स फ्री
पीयूष गोयल के अनुसार नए प्रावधान से अगर कोई व्यक्ति 1.5 लाख रुपये 80 सी के तहत इन्वेस्ट करता है तो उसकी 6.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री होगी। लेकिन अगर उसकी इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो उस पुराना टैक्स स्लैब ही लागू होगा।
टैक्स स्लैब
मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार अगर आमदनी 2.5 लाख से ज्यादा और पांच लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। वहीं पांच लाख से ज्यादा और 10 लाख रुपये की आमदनी इनकम टैक्स 20 फीसदी की दर से चुकाना पड़ता है। तीसरा इनकम टैक्स स्लैब 30 फीसदी का था और 10 लाख रुपये से अधिक आदमनी वाले लोग इसके दायरे में आते है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 10,000 रुपये बढ़ा
नौकरी-पेशा लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन के माध्यम से पिछले बजट में थोड़ी राहत दी गई थी। इसके तहत सैलरी पाने वाले लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता था। उनकी आमदनी से 40,000 रुपये घटाने के बाद इनकम टैक्स की गणना होती थी। इसका दायरा भी बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।
9.75 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं है
ऐसे में अब अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये तक सालाना कमाता है तो नए स्टैडर्ड डिडक्शन के आधार पर उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसे इस तरह समझिए कि अगर आप 10 लाख रुपये सालाना कमाते हैं और आपके पास होम लोन है। ऐसी स्थिति में 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलेगी। इसके अलावा मेडिकल खर्च पर भी 25 हजार रुपये टैक्स में छूट मिलती है। इस तरह अगर वह 50 हजार रुपये का निवेश एनपीएस के तहत करता है तो 9.75 लाख रुपये तक पर टैक्स देने से बच सकते हैं।
40 हजार रुपये तक ब्याज पर टीडीएस नहीं
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपोजिट पर 10 हजार रुपये की जगह अब 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं कटेगा। यानी अगर आप बैंक और पोस्ट ऑफिस की कुल जमाओं पर एक साल में 40 हजार रुपये तक का ब्याज पाते हैं तो उस पर टीडीएस नहीं कटेगा।