मंदी की ओर बढ़ती अर्थव्यवस्था और घटते रोजगार की परिस्थितियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है। इस बजट में प्रमुख रूप से कॉरपोरेट सेक्टर को बूस्ट देने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं, जिसके जरिए इस बात की कोशिश की गई है कि उनके मुद्दे सुलझाकर एक बार फिर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। इसी के तहत जहां 400 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनियों पर कॉरपोरेशन टैक्स 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। वहीं स्टार्टअप को पूंजी जुटाने से लेकर एंजेल टैक्स पर भी राहत दी गई है। इसी तरह रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के लिए 45 लाख रुपये तक के मकान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट दी है। हालांकि मिडिल क्लास को पर्सनल इनकम टैक्स पर किसी तरह की राहत नहीं दी गई है। वहीं पेट्रोल-डीजल पर एक रुपये सेस और एक्साइज ड्यूटी एक रुपये बढ़ा दी गई है। यानी वित्त मंत्री ने करीब 2.5 रुपये का चूना लगा दिया है। वित्त मंत्री ने कमाई बढ़ाने के लिए सुपर रिच पर दो से सात फीसदी का सरचार्ज लगाने का ऐलान कर दिया है। मकसद साफ है कि ज्यादा कमाते है तो टैक्स भी ज्यादा दीजिए।
5 लाख करोड़ के घाटे का है बजट
2019-20 के लिए पेश किया गया बजट करीब 5 लाख करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। सरकार के अनुसार 2019-20 में कुल 19,62,761 करोड़ रुपये की राजस्व आय का अनुमान है। जबकि 24,47,780 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार को 2018-19 के मुकाबले 2.32 लाख रुपये अतिरिक्त आय की उम्मीद है। जबकि इस दौरान उसके खर्च में करीब तीन लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह सरकार ने सरकारी कंपनियों के विनिवेश से इस साल 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि बीते वित्त वर्ष में सरकार 90 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई थी।
पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाकर आम आदमी पर डाला बोझ
बजट में किसान से लेकर मिडिल क्लास तक राहत की उम्मीद वित्त मंत्री से कर रहा था। लेकिन पेट्रोल-डीजल पर एक रुपये का अतिरिक्त सेस लगा दिया गया है। इस कदम से न केवल मिडिल क्लास की जेब कटेगी, बल्कि किसान और छोटे व्यापारी वर्ग पर भी बोझ बढ़ेगा। इसकी वजह से महंगाई भी बढ़ सकती है। इसी तरह सोने पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दी गई है। सरकार की कोशिश है कि इससे देश में सोने का आयात घटेगा। हालांकि इससे कीमतें बढ़ने की संभावना है, जिसका बोझ आम आदमी पर ही पड़ेगा।
दिल्ली में पेट्रोल 2.5 रुपए, डीजल 2.3 रुपए प्रति लीटर होगा महंगा
बजट में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और रोड-इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस दो-दो रुपए बढ़ा दिया गया है। इससे सरकार को पूरे साल में 28,000 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। सेस पर वैट जोड़ने के बाद दिल्ली में पेट्रोल 2.5 रुपए और डीजल 2.3 रुपए प्रति लीटर महंगे हो जाएंगे। अभी तक पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और सेस मिलाकर कुल 17.98 रुपए शुल्क लगता था। डीजल पर यह 13.83 रुपए था। इसके ऊपर वैट जुड़ता है, जो राज्यों में अलग-अलग है।
इनकम टैक्स पर राहत नहीं
2019 के चुनाव में भारी जीत के बाद देश का आम आदमी इनकम टैक्स छूट की बड़ी उम्मीद लगाए हुए था। लेकिन वित्त मंत्री ने उसे निराश किया है। पर्सनल इनकम टैक्स के स्लैब और टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अंतरिम बजट के ही प्रावधान लागू होंगे। वहीं सालाना 2 से 5 करोड़ रुपये कमाने वालों पर 3 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा और साथ ही 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाने पर 7 फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2 प्रतिशत का टीडीएस लगाया जाएगा। यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे। इसी तरह 80 सी में भी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी टैक्स सेविंग के लिए 1.50 लाख रुपये की सीमा बरकरार रहेगी। हालांकि रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के लिए 45 लाख रुपये तक के घर पर 1.50 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट दे दी है। अभी 2 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज देने पर टैक्स डिडक्शन मिलता था। अब यह सीमा 3.50 लाख रुपये कर दी गई है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन और आईटीआर फाइलिंग में सहूलियत
सरकार ने पैन कार्ड और आधार को इंटरचेंजेबल बनाने का ऐलान किया है। इसकी वजह से अब जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वह अपना आधार नंबर देकर काम चला सकेंगे। इसी तरह जिनके पास आधार नहीं है वह पैन देकर काम चला सकेंगे। इसका फायदा आईटीआर फाइल करते समय मिलेगा। इसी तरह डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर चार्ज को खत्म कर दिया है। अभी कार्ड आदि से पेमेंट करने पर ग्राहक और दुकानदार को एमडीआर चार्ज देना पड़ता था। एमडीआर चार्ज खत्म होने से डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा। इसी तरह नेशनल ट्रांसपोर्ट कार्ड बनाने का भी ऐलान किया गया है। इसके तहत ट्रेन और बस के लिए कॉमन कार्ड बनेगा। यानी एक ही कार्ड से यात्री दोनों जगह पर यात्रा कर सकेंगे।
सबको घर, रसोई गैस और पानी का वादा
बजट में 2022 तक गांव के हर परिवार के पास बिजली और एलपीजी दिया जाएगा। 2022 तक सबको घर का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। आवासों को पूरा करने के लिए दिनों की औसत संख्या 314 से घटकर 114 दिन कर दी गई है। इसी तरह 2024 तक हर घर को पानी देने के लिए 1500 ब्लॉक की पहचान की गई है। जिनके जरिए पानी पहुंचाया जाएगा।