Advertisement

बजट से पहले क्यों पेश किया जाता है आर्थिक सर्वेक्षण, जानें सरकार के सालाना रिपोर्ट कार्ड की बड़ी बातें

आज से बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है और सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण...
बजट से पहले क्यों पेश किया जाता है आर्थिक सर्वेक्षण, जानें सरकार के सालाना रिपोर्ट कार्ड की बड़ी बातें

आज से बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है और सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी, जिसमें राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों और भावी योजनाओं के बारे में देश को बताएंगे। संसद के बजट सत्र में केंद्र सरकार आर्थिक सर्वेक्षण-2021-22 पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करने के एक दिन पहले यानी सोमवार को इसे प्रस्तुत करेंगी। इसके बाद नवनियुक्त मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्थिक सर्वेक्षण एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था का सालाना रिपोर्ट कार्ड होता है, जिसको वित्त मंत्रालय का सबसे प्रमाणिक दस्तावेज माना जाता है। आर्थिक सर्वे में आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है। आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को समेटते हुए विस्तृत सांख्यिकी आंकड़े देता है। पिछले 1 साल में अर्थव्यस्था और सरकारी योजनाओं में क्या प्रगति हुई है। इसकी जानकारी भी आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए ही मिलती है।

आर्थिक सर्वेक्षण दो खंड़ों में होता है। वर्ष 2015 के बाद आर्थिक सर्वेक्षण को दो हिस्से में बांट दिया गया था. पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था के बारे में जिक्र किया जाता है, जो कि बजट से 1 दिन पहले जारी किया जाता है। वहीं दूसरी हिस्से में महत्वपूर्ण आंकड़े शामिल होते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में नीतिगत फैसले, आर्थिक आंकड़े, आर्थिक रिसर्च और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों का विश्लेषण शामिल होता है। ये माना जाता है कि आर्थिक सर्वेक्षण बजट के लिए दिशानिर्देश के रूप में भी कार्य करता है।

जानिए बड़ी बातें

-    यह देश की सकल आर्थिक स्थिति का ब्योरा होता है। इसे पढ़ना आर्थिक क्षेत्र के जानकारों व अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद होता है। यह अर्थव्यवस्था की एक बुनियादी झलक दिखाने वाली पुस्तक होती है।

-    ये सर्वेक्षण एक केंद्रीय विषय या थीम पर आधारित होते हैं। पिछले साल इसका केंद्र बिंदु 'जीवन व आजीविका बचाना' था। 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण गुलाबी था, क्योंकि इसका मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण था।

-    देश का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। केंद्रीय बजट के एक दिन पूर्व इसे पेश करने का सिलसिला 1964 से शुरू हुआ था।

-    वर्ष 2019-20 में इसमें तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम ने 'थालीनॉमिक्स' का विचार पेश किया था। यह काफी लोकप्रिय व चर्चित रहा था। इसका मकसद था कि अर्थव्यवस्था को आम आदमी से कैसे जोड़ा जाए, क्योंकि उसे हर रोज अपनी खाने की थाली के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उसकी इस जरूरत की पूर्ति कैसे बेहतर ढंग से हो सके, इस पर सुझाव दिए गए थे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad