इसी के साथ सरकार ने एफडीआई के नियमों को आसान बनाने की भी बात की। बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद माना जा रहा था कि इस तरह के सुधारों की पहल टल सकती है। लेकिन मोदी सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए यह अहम फैसला लिया है। रेलवे, मेडिकल उपकरण, बीमा, निर्माण, रक्षा, सिंगल ब्रांड रिटेल, बैंकिंग आदि जैसे कई क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में बदलाव किया गया है। सरकार ने ऑटोमेटिक रूट से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी तक करने का निर्णय लिया है। वहीं विदेशी संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के माध्यम से एफडीआई की सीमा 3000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपये कर दी गई है। हालांकि इससे ऊपर के प्रस्तावों के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेना जरूरी होगा।
जिन 15 सेक्टरों में एफडीआई के नियम आसान हुए हैं, वो हैं, बैंकिंग प्राइवेट सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, सिंगल ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग एंड ड्यूटी फ्री शॉप्स, सिविल एविएशन, कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट सेक्टर कैश एंड कैरी होलसेल ट्रेडिंग, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप, डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट एंड अप्रूवल से जुड़ी शर्तें, एनआरआई के स्वामित्व व नियंत्रण वाली कंपनियों द्वारा किया जाना वाला निवेश, भारतीय कंपनियों के स्वामित्व और नियंत्रण का ट्रांसफर और स्थापना, कृषि और पशुपालन, पौधारोपण, माइनिंग एंड मिनरल, डिफेंस, और ब्रॉडकास्टिंग। एक साथ कई क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा बढ़ाए जाने से देश में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आने का रास्ता खुल गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस निर्णय से आर्थिक विकास में तेजी आने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।