विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैकिंग में 14 पायदान का उछाल आया है। विश्व बैंक की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत की रैकिंग सुधरकर 63वें स्थान पर पहुंच गई है। यही नहीं, बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 10 देशों में भी भारत को लगातार तीसरी साल स्थान मिला है। भारत की रैकिंग में सुधार मुख्य रूप से इंसाल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) को लागू किए जाने से आया है। हालांकि अभी भारत शीर्ष 50 की सूची में स्थान पाने के सरकार के लक्ष्य से पीछे है।
अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष देशों में भारत भी
पिछले साल 190 देशों की सूची में भारत 77वें स्थान पर रहा था। भारत को लगातार तीसरी बार रैंकिंग सुधार में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष दस देशों में भी स्थान मिला है। ग्लोबल रैंकिंग में न्यूजीलैंड पहला स्थान बरकरार रखने में सफल रहा है। सिंगापुर दूसरे और हांगकांग तीसरे स्थान पर रहे। कोरिया पांचवें और अमेरिका छठे स्थान पर रहा।
सुधारों से भारत की अर्थव्यवस्था को फायदाः विश्व बैंक
ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की रैंकिंग ऐसे समय में आई है जब भारतीय रिजर्व बैंक, विश्व बैंक, आइएमएफ और अन्य एजेंसियों ने ग्लोबल अर्थव्यवस्था में सुस्ती के चलते भारत की विकास दर सुस्त करने का अनुमान जताया है। 2020 की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में विश्व बैंक ने भारत के सुधारों की तारीफ की है और कहा है कि सुधारों से उसकी अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा।
ऐसी सफलता पाने वाले पहला बड़ा देश
विश्व बैंक के डायरेक्टर (डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स) सायमॉन जेनकोव ने कहा कि लगातार तीसरी साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष दस देशों में भारत जगह बनाने में सफल रहा है। इस रैंकिंग के 20 साल के दौर में ऐसी सफलता बहुत कम देशों को मिली है। बिना किसी अपवाद के ऐसा प्रदर्शन करने वाले देश बहुत छोटे और कम आबादी वाले रहे हैं। बड़ी आबादी वाले और विशाल देशों की बात करें तो भारत ऐसा पहला देश है जिसने इस साल 14 पायदान की छलांग लगाई है।
सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में ये भी
बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शीर्ष दस देशों में भारत के अलावा चीन (31), बहरीन (43), सऊदी अरब (62), जॉर्डन (75), कुवैत (83), टोगो (97), ताजकिस्तान (106), पाकिस्तान (108) और नाइजीरिया (131) शामिल हैं।
एक-दो साल में भारत की रैंकिंग शीर्ष 50 में होगी
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने, निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने, खासकर मैन्यूफैक्चरिंग और देश की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर खास ध्यान दिया। सरकार ने निवेशकों को सुधारों और इस मामले में प्रगति के लिए प्रतिबद्धता दिखाने के लिए कारोबार करने के संकेतों में काफी बदलाव कया। सरकार ने 2015 में लक्ष्य तय किया था कि भारत अपनी रैंकिंग सुधारकर शीर्ष 50 देशों में लाएगा। जेनकोव ने कहा कि रैंकिंग में सुधार के लिए कड़ी स्पर्धा है और सुधार करना कठिन है। लेकिन भारत शीर्ष 50 देशों की रैंकिंग में स्थान बनाने की राह पर आगे बढ़ रहा है। अगले एक-दो साल में वह यह लक्ष्य हासिल कर लेगा।