अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से तेल खरीदने को लेकर भारत सहित आठ देशों को बड़ा झटका दिया। अमेरिका ने कहा कि अब यदि भारत ने ईरान से तेल आयात किया तो उसे अमेरिका से मिलने वाली किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के तेल खरीदारों को मई से प्रतिबंधों से कोई छूट नहीं देने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा, 'बाजार को ईरानी तेल की आपूर्ति बंद होने की सूरत में अमेरिका, सऊदी अरब तथा संयुक्त अरब अमीरात ने वैश्विक मांग पूरी करने को लेकर समय पर कदम उठाने की सहमति जताई है।'व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सेंडर्स ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए सिग्नीफिकेंट रिडक्शन एग्जेंपशंस (एसआरई) जारी करने का निर्णय किया था। यह मई के पहले हफ्ते में खत्म होने वाले थे। अब 2 मई के बाद ईरान से तेल आयात करने वाले देशों पर हर तरह की पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया है।
‘अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने को लेकर दी थी 180 दिन की मोहलत’
ट्रंप के इस कदम को ईरान पर दबाव बनाने के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि पिछले साल ही अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को ईरान से तेल आयात करने को लेकर 180 दिन की मोहलत दी थी। इन देशों में चीन, जापान और तुर्की भी थे। अमेरिका ने यह मोहलत इसलिए दी थी जिससे यह आठ देश 2 मई तक ईरान से अपने तेल के आयात को कम कर दें। इन देशों में से ग्रीस, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान ने अपने तेल आयात को पहले ही काफी कम कर दिया है।
‘तेल का वैश्विक बाजार किसी एक देश के हाथ में न रहे’
सेंडर्स ने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई चाहते हैं कि तेल का वैश्विक बाजार किसी एक देश के हाथ में न रहे और यहां पर पर्याप्त सप्लाई भी रहे। हम इस बात पर सहमत थे कि एक कदम उठाने की जरूरत थी जिससे वैश्विक मांग को पूरा करते हुए ईरान के तेल को बाजार से हटा दिया जाए।
‘ईरान पर ज्यादा से ज्यादा आर्थिक दबाव बनाया जाए’
सेंडर्स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन और उनके सहयोगी इस बात को लेकर दृढ़ हैं कि ईरान पर ज्यादा से ज्यादा आर्थिक दबाव बनाया जाए, जिससे वो अमेरिका और उसके सहयोगियों को किसी भी तरह की धमकी न दे सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि हम ईरान के आतंकी नेटवर्क और उसके खराब व्यवहार को खत्म करना चाहते हैं।
‘ईरान से सबसे ज्यादा तेल आयात करने वाले देशों में से हैं भारत-चीन’
गौरतलब है कि चीन और भारत अभी तक ईरान से सबसे ज्यादा तेल आयात करने वाले देशों में से हैं। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार यदि ट्रंप के इस फैसले के साथ कोई नहीं आता है तो उसके चलते अमेरिका से उस देश के रिश्ते खराब हो सकते हैं।