तीन महीने तक लगातार गिरावट रहने के बाद देश के औद्योगिक उत्पादन में पहली बार वृद्धि दर्ज की गई है। नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.8 फीसदी रही। शुक्रवार को जारी आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार होने के कारण औद्योगिक उत्पादन बढ़त दर्ज करने में सफल रहा। माना जा रहा है कि पिछले महीनों में गिरावट आने के कारण आधार संकुचित होने के कारण वृद्धि दिखाई दी है।
मैन्यूफैक्चरिंग में 2.7 फीसदी वृद्धि दर
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) नवंबर 2018 में 0.2 फीसदी की दर से बढ़ा था। नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2019 मंे मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 2.7 फीसदी रही। जबकि नवंबर 2018 में इसमें 0.7 फीसदी की गिरावट रही थी।
दूसरे क्षेत्रों में निराशाजनक तस्वीर
बिजली के क्षेत्र में उत्पादन नवंबर 2019 में पांच फीसदी गिर गया जबकि एक साल पहले नवंबर में इसमें 5.1 फीसदी की वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र में वृद्धि दर 1.7 फीसदी रही जबकि एक साल पहले इसमें 2.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के बीच आइआइपी की विकास दर महज 0.6 फीसदी रही जबकि एक साल पहले समान अवधि में इसकी वृद्धि दर 5 फीसदी रही थी।