आर्थिक विकास दर कई साल के निचले स्तर पर पहुंचने और हर तरफ से सुस्ती के संकेत मिलने के कारण सरकार ने पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर पूरा जोर देने के संकेत दिए हैं। हाल में कॉरपोरेट टैक्स और दूसरी कर रियायतों के कारण खजाने पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ और राजकोषीय घाटे के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि फिलहाल सरकार का फोकस व्यय बढ़ाने पर है। सरकार राजकोषीय घाटे पर बाद में ध्यान देगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि छोटे उद्योगों को अधिकांश बकाया भुगतान किया जा चुका है। बकाया भुगतान भी कुछ दिनों में जारी कर दिया जाएगा।
अधिकांश मंत्रालयों ने 50 फीसदी व्यय किया
बुनियाादी क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार व्यय बढ़ाकर विकास दर को सुधारने पर फोकस कर रही है। इसके लिए मंत्रालयों से अगली चार तिमाहियों में पूंजीगत खर्च की योजना मांगी गई है। बैठक में शामिल रहे व्यय सचिव जी. एस. मुरमू ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय का जितना लक्ष्य मंत्रालयों के लिए तय किया गया था, उसमें से करीब 50 फीसदी व्यय ज्यादातर मंत्रालयों द्वारा किया जा चुका है।
उद्योगों को अधिकांश भुगतान विभागों से जारी
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालयों ने सामग्री और सेवाओं का अधिकांश भुगतान सप्लायरों खासकर एमएसएमई को किया जा चुका है। बाकी भुगतान भी कुछ दिनों में कर दिया जाएगा। मुरमू ने बताया कि 60,000 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान में से 40,000 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। कानूनी विवाद में फंसे मामलों को छोड़कर बकाया भुगतान अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर दिए जाएंगे।
एमएसएमई ने भुगतान लटकने पर जताई थी चिंता
यह बैठक इस लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) ने भुगतान लटकने को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से उन्हें सप्लाई का भुगतान समय पर नहीं मिल रहा है। भुगतान को लेकर चिंता पर सीतारमण ने कहा कि सरकार को बकाया भुगतान नहीं रोकने चाहिए लोगों को पैसा मिलना चाहिए जिसका वे इंतजार कर रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतः वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि उपभोग बढ़ रहा है और कर्ज भी ज्यादा लिए जा रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार होने के संकेत मिलने लगे हैं। वित्त मंत्री शनिवार को पूंजीगत व्यय योजनाओं की समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी।