आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का कहना है कि महंगाई के मद्देनजर एमपीसी ने पॉलिसी को लेकर न्यूट्रल नजरिया रखने का फैसला किया है।
रिजर्व बैंक ने अप्रैल से सितंबर के लिए 4.5 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2018 जीवीए ग्रोथ 6.7 फीसदी के मुकाबले 7.4 फीसदी रहेगा। एमपीसी का पूरा ब्योरा 20 अप्रैल को जारी होगा।
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। मसलन, गृह ऋण, वाहन ऋण आदि।
रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।
आरबीआई ने पहली बार वित्त वर्ष 2011-12 में सालाना मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में एमएसएफ का जिक्र किया था। यह कॉन्सेप्ट 9 मई 2011 को लागू हुआ। इसमें सभी शेड्यूल कमर्शियल बैंक एक रात के लिए अपने कुल जमा का 1 फीसदी तक लोन ले सकते हैं। बैंकों को यह सुविधा शनिवार को छोड़कर सभी वर्किंग-डे में मिलती है।
देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत प्रत्येक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना ही होता है। इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) या नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहा जाता है।