चुनावी माहौल में न्याय योजना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक और वादे का मास्टरस्ट्रोक चला है। इस बार राहुल ने युवाओं को साधा है। राहुल ने राजस्थान के जयपुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि युवा बिना किसी कागजी कार्रवाई के बिजनेस शुरू कर सकते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में अभी बिजनेस शुरू करने के लिए तमाम तरह की परमीशन की जरूरत होती है।
इससे पहले राहुल गांधी ने न्यूनतम आय योजना 'न्याय' का ऐलान किया था। इस योजना में पांच करोड़ गरीब परिवारों में सालाना 72,000 करोड़ देने का वादा किया है। राहुल गांधी के इस चुनावी वादे पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जहां इसे मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे वोट के लिए कांग्रेस का झूठ कह रही है।
जयपुर में क्या बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा, '2019 के बाद कांग्रेस पार्टी युवा उद्यमियों को व्यापार के लिए पूरी छूट देगी। इसके तहत अगले तीन साल तक आपको सरकार से किसी भी तरह की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। तीन साल बाद जो भी इजाजत होगी वो ले सकते हैं। युवा पूरे हिंदुस्तान में किसी भी तरह का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। मोदी सरकार में बिजनेस शुरू करने के लिए अभी तमाम तरह की कानूनी इजाजत की जरूरत होती है, रिश्वत देनी पड़ती है। इतने में पैसा खत्म हो जाता है।'
मायावती ने भाजपा-कांग्रेस को बताया एक ही थाली के चट्टे-बट्टे
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को एक तीर से दो निशाने साधे हैं। मायावती ने अपने एक ट्वीट में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को निशाने पर लिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सत्ताधरी बीजेपी का कांग्रेस पार्टी पर आरोप कि उसका गरीबी हटाओ-2 का नारा चुनावी धोखा है यह सच है परन्तु क्या चुनावी धोखा व वादाखिलाफी का अधिकार केवल बीजेपी के पास ही है? गरीबों, मजदूरों, किसानों आदि के हितों की उपेक्षा के मामले में दोनों ही पार्टियां एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं’।
क्या था राहुल गांधी का वादा
राहुल ने वादा किया था कि कांग्रेस सत्ता में आयी तो देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को सरकार सालाना 72 हजार रुपये नगद देगी। 12 हजार रुपये महीने से कम आमदनी वाले करीब 25 करोड़ लोगों को इसका फायदा होगा। राहुल गांधी के इस ऐलान को मोदी सरकार की ओर से किसानों के दी जा रही है किसान सम्मान निधि के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है, जिसके तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं।