बिसलेरी के प्रवर्तक रमेश चौहान ने पांच लोकप्रिय ब्रांडों- थम्सअप, लिम्का, गोल्ड स्पाॅट, माजा और सिटा को 1993 में कोका कोला को बेच दिया था। दोनों पक्षों ने एक गैर-प्रतिस्पर्धी समझौता किया था जो 2008 में समाप्त हो चुका है। करीब दो दशक के बाद साॅफ्ट ड्रिंक बाजार में दोबारा वापसी करने जा रही कंपनी ने इस नए उपक्रम के लिए करीब 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
बिसलेरी इंटरनेशनल के निदेशक आरके गर्ग ने बताया, एक कंपनी के तौर पर बिसेलरी को 2020 तक 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का होना चाहिए। यह वृद्धि साॅफ्ट ड्रिंक जैसे क्षेत्रों में कारोबार के विस्तार से आएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 के दौरान बिसलेरी का कारोबार करीब 700 करोड़ रुपये रहा और यह 20-25 प्रतिशत के दायरे में बढ़ रहा है। कंपनी की योजना लेमन, स्पाइसी, मैंगो और पाइना कोलाडा फ्लेवर में साॅफ्ट ड्रिंक्स पेश करने की है। कंपनी कम से कम पांच स्थानों पर इन उत्पादों का विनिर्माण करने की संभावना तलाश रही है।