सर्वे के मुताबिक लखनऊ के योग केन्द्रों में अभ्यास करने वालों की तादाद में 45 फीसदी का उछाल आया है और इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं। एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने सोमवार को लखनऊ में बताया कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कसरत की पुरातन पद्धति के फायदे लेने और आध्यात्मिक विकास के लिये बड़ी संख्या में लोग योग की तरफ आ रहे हैं। इनमें छात्र, दिनभर थकान भरा काम करने वाले विभिन्न पेशों से जुड़े लोग, कई कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त लोग भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इन्दौर, जयपुर, कोलकाता और मुम्बई समेत 10 बडे़ शहरों में योग या जिम शीर्षक से सर्वे किया है। रावत ने बताया कि इस दौरान 100 जिम प्रशिक्षकों, फिटनेस पेशेवरों तथा जिम में पसीना बहाने वाले 1000 लोगों से बातचीत की गयी। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि योग करने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एसोचैम का यह सर्वे ऐसे वक्त किया गया है, जब दुनिया 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारी में जुटी है। ज्यादातर जिम प्रशिक्षकों ने कहा कि उनके जिमखाने में आयी 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने अपेक्षाकृत अधिक फायदा देखते हुए जिम की कसरत छोड़कर योग को अपना लिया है।
हालांकि अधिकतर जिम प्रशिक्षकों का मानना है कि योग के साथ-साथ जिम का साथ भी बरकरार रखना सेहत के लिये ज्यादा फायदेमंद होगा। अध्ययन के अनुसार लखनऊ के योग केन्द्रों में आने वाले लोगों की संख्या में 45 प्रतिशत तक का उछाल आया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं। रावत ने बताया कि योग की आदत ने एक अच्छा खासा बाजार भी तैयार किया है। देश में अनुमान के तौर पर करीब चार करोड़ लोग योगाभ्यास करते हैं। इसके लिये वे लगभग एक हजार करोड़ रुपये के विशेष वस्त्र, बिछावन, तौलिये और अन्य साजोसामान का इस्तेमाल करते हैं।