वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनावायरस महामारी से उबरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत आर्थिक पैकेज की पांचवी और आखिरी किस्त रविवार को साझा की। साथ ही उन्होंने पूरे 20 लाख करोड़ रुपये का फुल ब्रेकअप भी बताया। लेकिन पैकेज का ब्रेक-अप वैसा ही उलझाऊ रहा, जैसी वित्त मंत्री की घोषणाएं। सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि 20 लाख करोड़ रुपये में से वास्तव में जनता को नकद राहत कितनी मिलेगी।इसमें नए पैकेज के तहत 5 चरणों की घोषणाओं पर खर्च के साथ इससे पहले की घोषणाओं पर खर्च का विवरण भी शामिल रहा।
रविवार को उन्होंने आरबीआई उपाय और प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत घोषित कदमों सहित 20,97,053 करोड़ रुपये के उपायों का ब्यौरा दिया।
मंत्री द्वारा दिए पैकेज के ब्रेक-अप के अनुसार, पहले दिन 5,94,550 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणाएं की गईं, जबकि दूसरे दिन कृषि, आवास, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 3,10,000 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान हुआ। इसके अलावा, तीसरे दिन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए कई योजनाओं के लिए 1,50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। चौथे और पांचवें दिन वित्तमंत्री ने संरचनात्मक सुधारों और प्रोत्साहन के माध्यम से 48,100 करोड़ रुपये के खनन, रक्षा, नागरिक उड्डयन और बिजली वितरण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़े उपायों का ऐलान किया।
पीएमजीकेपी और आरबीआई के उपायों बिना 11,02,650 के हैं ये कदम
नतीजतन, ये कदम कुल 11,02,650 करोड़ रुपये के हैं। पैकेज में पीएमजीकेपी के तहत 1,92,800 करोड़ रुपये और आरबीआई के उपायों के तहत 8,01,603 करोड़ रुपये की घोषणाएं भी शामिल हैं, जो 9,94,403 करोड़ रुपये की हैं।
इन महत्वपूर्ण सेक्टरों के लिए हुई थी घोषणाएं
13 मई को शुरू हुई घोषणाओं के पहले दिन, मंत्री ने एमएसएमई, रियल एस्टेट, एनबीएफसी, बिजली वितरण और सामान्य व्यवसायों के लिए राजकोषीय और विनियामक उपायों की घोषणा की। जबकि, दूसरे दिन, कृषि, आवास, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपायों की घोषणाएं हुईं।