भारत की सबसे बड़ी यात्री वाहन कंपनी मारुति सुजुकी के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी उत्पादन में कटौती करने की घोषणा की है। कंपनी मौजूदा जुलाई-सितंबर तिमाही में अपने सभी प्लांट में उत्पादन 8-14 दिनों तक बंद रखेगी। ऑटोमोबाइल मार्केट में घटती डिमांड को देखते हुए कंपनी ने यह फैसला किया है। इसने शुक्रवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी। बयान में कंपनी ने कहा है कि बाजार की जरूरतों के मुताबिक अभी पर्याप्त स्टॉक है। इसलिए उत्पादन में कटौती का सप्लाई पर कोई असर नहीं होगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने उत्पादन में कटौती का फैसला ऐसे समय किया है, जब ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ऐतिहासिक सुस्ती से जूझ रही है।
अप्रैल से जुलाई तक महिंद्रा की घरेलू बाजार में बिक्री 8 फीसदी गिरी
वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल से जुलाई तक महिंद्रा एंड महिंद्रा की घरेलू बाजार में बिक्री 8 फीसदी गिर गई। इन चार महीनों में इसकी सिर्फ 1,61,604 गाड़ियां बिकीं, जबकि पिछले साल के इन्हीं चार महीनों में इसने 1,75,328 गाड़ियां बेची थीं। निर्यात को शामिल करने के बाद कुल बिक्री में भी 8 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। यह 1,87,299 से घटकर 1,71,831 रह गई है। जुलाई में घरेलू बिक्री 17 फीसदी घटकर 37,474 यूनिट की रह गई। जुलाई 2018 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 44,605 गाड़ियां बेची थीं।
मारुति लगातार छह महीने से उत्पादन में कटौती कर रही है
भारत की सबसे बड़ी यात्री वाहन कंपनी मारुति सुजुकी लगातार छह महीने से उत्पादन में कटौती कर रही है। इसने जुलाई में उत्पादन में 25.15 प्रतिशत की कटौती की। है। पिछले महीने इसने 1,30,541 यात्री वाहनों का उत्पादन किया गया। जुलाई 2018 में यह आंकड़ा 1,75,456 यूनिट्स का था। इससे पहले जून में इसने उत्पादन 15.6 फीसदी, मई में 18 फीसदी, अप्रैल में 10 फीसदी, मार्च में 20.9 फीसदी और फरवरी में 8 फीसदी घटाया था। जुलाई में इसकी बिक्री भी 33.5 फीसदी गिरकर 1,09,264 गाड़ियों की रह गई। यह कंपनी की बिक्री में लगातार छठे महीने और अब तक की सबसे तेज गिरावट थी।
वाहनों पर जीएसटी घटाकर 18 फीसदी करने की मांग
ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि इंडस्ट्री एक सुर से वाहनों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग करती है। मांग करने वाले में टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। मीडिया में इस आशय की खबरें आई थीं कि जीएसटी में कटौती को लेकर ऑटोमोबाइल कंपनियों में मतभेद हैं। इसी के बाद सियाम ने यह बयान जारी किया है। अभी ऑटोमोबाइल पर 28 फीसदी जीएसटी के अलावा एक से 22 फीसदी तक सेस भी लगता है।