ग्राहक यदि सहमित दे तो बैंक केवाईसी (नो योर कस्टमर) वेरिफिकेशन के लिए आधार का उपयोग कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बात की जानकारी दी है। केंद्रीय बैंक ने व्यक्तियों की पहचान के लिए दस्तावेजों की अपनी सूची को अपडेट किया है।
आदेश में किया संशोधन
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बैंक और अन्य इकाईयां बैंक खाते खोलने समेत विभिन्न ग्राहक सेवाओं के लिए केवाईसी नियमों का पालन करेंगे। केंद्रीय बैंक ने केवीईसी पर संशोधित आदेश में कहा, 'बैंक को ऐसे व्यक्तियों का आधार सत्यापन/ऑफलाइन सत्यापन करने की अनुमति दी गई है, जो स्वेच्छा से अपने आधार का उपयोग पहचान को प्रमाणित करने के लिए करना चाहते हैं।'
कैबिनेट ने दी थी अध्यादेश को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में बैंक खाते खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिए पहचान प्रमाण के रूप में आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अध्यादेश को एक विधेयक के रूप में पेश किया था, जिसे 4 जनवरी को लोकसभा में पारित कर दिया गया था, लेकिन राज्यसभा में यह लंबित पड़ा था। लोकसभा भंग होने के साथ ही विधेयक भी समाप्त हो गया है। आरबीआई ने कहा कि आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों (ओवीडी) की सूची में 'आधार को प्रमाण' के रूप में जोड़ा गया है।