वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आगामी एक जनवरी से कुछ तरह के डिजिटल पेमेंट पर मर्चेंट डिस्काउंट चार्ज (एमडीआर) नहीं लगेगा। सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जिन डिजिटल पेमेंट पर एमडीआर नहीं लगना है, उनकी अधिसूचना जल्दी ही जारी होगी।
बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री ने जुलाई में पेश आम बजट में एमडीआर चार्ज हटाने की घोषणा की थी। डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाने की मंशा जताई थी। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि 50 करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार वाली कंपनियों और फर्मों को डिजिटल पेमेंट की सुविधा रियायती दरों पर उपलब्ध करानी होगी। ग्राहकों और विक्रेताओं से को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं लगेगा। नकदी के प्रबंधन में होने वाली बचत और ग्राहकों द्वारा डिजिटल पेमेंट अपनाने से बैंकों और आरबीआइ को जो बचत हो रही है, उसी से उन्हें डिजिटल ट्रांजेक्शन की लागत निकालनी होगी।
बैंक अधिकारियों को डरने की जरूरत नहीं
उधर, वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधिकारियों के खिलाफ अनियमितताओं के आरोपों वाले लंबित विजिलेंस केसों को मंजूरी दें। हालांकि उन्होंने बैंक अधिकारियों को आश्वस्त किया कि उन्हें '3सी' से डरने की जरूरत नहीं हैं। अगर वे ईमानदारी से व्यावसायिक फैसले लेते हैं तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्हें सीबीआइ, सीएजी और सीवीसी से भयभीत नहीं होनी चाहिए।