वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने बैंकों के साथ नकदी की स्थिति की समीक्षा की है। वहीं, कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की गयी है, जिन्हें बैंक कर्ज दे सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 29 सितंबर से पहले 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के साथ खुली बैठक करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक किसी संकटग्रस्त मध्यम एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) को 31 मार्च, 2020 तक नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) घोषित नहीं करेंगे।
कर चुकी हैं कई घोषणाएं
पिछले कुछ दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर चुकी हैं। उन्होंने शनिवार को 60 प्रतिशत तक पूरे हो चुके निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की घोषणा की थी। साथ ही इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटायी जाएगी, इसकी भी जानकारी दी थी।
वित्तमंत्री ने कहा था कि होम लोन पर ब्याज दर को कम किया जाएगा तथा इन पर ब्याज की दर को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड (निवेश -प्रतिफल) से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया था कि सरकारी नौकरी वाले लोग आवास की मांग में अहम योगदान देते हैं। इस व्यवस्था से सरकारी नौकरी वाले अधिक लोगों को नया घर खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के दो बड़े फैसले
आम जनता को राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को ही दो बड़े ऐकुलान किए हैं। दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में निर्मला सीतारमण और जावड़ेकर की प्रेस कांफ्रेस की, जहां रेलवे कर्मचारियों को बोनस का तोहफा दिया गया और ई-सिगरेट पर बैन लगाने का एलान किया गया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता बोनस के तौर पर 78 दिन का वेतन देने का बुधवार को फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया। इसके साथ ही ईलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर पूरी तरह से बैन लगाने का भी एलान किया गया।