कपड़ों की दिग्गज कंपनी रेमंड लिमिटेड और देश के सबसे अमीर बिजनेस घराने से आने वाले विजयपत सिंघानिया की माली हालत ठीक नहीं है। आज वह दक्षिणी मुंबई की ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के घर में रह रहे हैं। इसका दोष वह अपने बेटे और रेमंड के वर्तमान चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम सिंघानिया को देते हैं।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में एक याचिका डाली है, जिसमें मालाबार हिल के 36 मंजिला जेके हाउस में उलको पजेशन देने की बात कही गई है। उनके वकील ने बुधवार को बताया कि रिटायर्ड विजयपत सिंहानिया आर्थिक तौर पर कमजोर हो गए हैं।
1960 में जब जेके हाउस बनकर तैयार हुआ तब यह 14 मंजिला था। बाद में चार डुप्लेक्स रेमंड की ही सहायक कंपनी पश्मीना होल्डिंग्स को दे दी गईं। 2007 में कंपनी ने फिर से पुनर्निर्माण शुरू करवाया।
करार के हिसाब से विजयपत सिंघानिया, उनके बेटे गौतम, विजयपत के महरूम भाई अजयपत सिंहानिया की पत्नी वीनादेवी और उनके बेटे अनंत और अक्षयपत में हर एक को 5,185 स्क्वायर फीट का डुप्लेक्स मिलना था। इसकी कीमत 9,000 स्क्वायर प्रति फीट थी। अपार्टमेंट में अपने दावों को लेकर वीनादेवी और अनंत ने पहले से संयुक्त याचिका दाखिल कर रखी है। अक्षयपत ने अलग से याचिका डाल रखी है।
विजयपत सिंघानिया के वकील दिनयर मेडन ने कोर्ट को बताया कि 78 वर्षीय सिंघानिया ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी, लेकिन बेटा अब उनपर ध्यान नहीं दे रहा है।
वकील ने बताया कि सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे के हिस्से में दे दिए। इन शेयर्स की कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी, लेकिन अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक की सिंघानिया की गाड़ी और ड्राइवर भी छिन लिए गए हैं।