सीबीआइ ने मारुति उद्योग के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जगदीश खट्टर पर 110 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड का केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि खट्टर ने यह कर्ज अपनी नई कंपनी के लिए लिया था।
पीएनबी को 110 करोड़ रुपये का नुकसान
अधिकारियों के अनुसार एक एफआइआर में जगदीश खट्टर और उनकी कंपनी कारनेशन ऑटो इंडिया लि. को भी नामजद किया गया है। आरोप लगाया गया है कि फ्रॉड के कारण पंजाब नेशनल बैंक को 110 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
खट्टर के ठिकानों पर छापेमारी
सीबीआइ ने 77 वर्षीय खट्टर और कारनेशनल ऑटो के ठिकानों पर सोमवार की शाम को छापेमारी की गई। खट्टर 1993 से 2007 तक मारुति उद्योग में रहे थे और जब रिटायर हुए, उस समय वह मैनेजिंग डायरेक्टर थे। मारुति से रिटायर होने के बाद खट्टर ने कारनेशन ऑटो कंपनी गठित की और 2009 में इसके लिए 170 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर कराया। इस लोन को 2015 में एनपीए (2012 से प्रभावित) घोषित किया गया।
कैसे किया गया फ्रॉड
पीएनबी से शिकायत मिलने के बाद सीबीआइ ने जांच करके आपराधिक साजिश के लिए आइपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की। उसने आरोप लगाया है कि खट्टर और उनकी कंपनी बेइमानी और जालसाजी करते हुए बैंकों को गिरवी रखी संपत्तियां बिना अनुमति के बेच दीं और फंड को डायवर्ट कर दिया। इस वजह से भरोसा तोड़कर और जालसाजी करके बैंक को नुकसान हुआ जबकि खट्टर और उनकी कंपनी ने फायदा उठाया।
66 करोड़ रुपये की संपत्ति 4.5 करोड़ में बेची
बैंक ने कंपनी का फॉरेंसिक ऑडिट करवाया तो पता चला कि 66.92 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां बिना अनुमति लिए 4.55 करोड़ रुपये बेची गईं। आरोप है कि बिक्री का पैसा बैंक में जमा नहीं कराया और जालसाजी करके अपनी सहोयगी कंपनियों को कर्ज के तौर पर दे दिया।
बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच
एफआइआर में बैंक के अधिकारियों पर भी आरोप है कि उन्होंने हर महीने अनिवार्य रूप से स्टॉक का सत्यापन और कर्जदारों तथा लेनदारों से पूछताछ नहीं की। बैंक के अधिकारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है।