Advertisement

सीईआरटी-इन और कू एप ने ऑनलाइन सुरक्षा और जिम्मेदार यूजर व्यवहार पर जागरूकता बढ़ाने के लिए किया करार

भारत के बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू एप और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना...
सीईआरटी-इन और कू एप ने ऑनलाइन सुरक्षा और जिम्मेदार यूजर व्यवहार पर जागरूकता बढ़ाने के लिए किया करार

भारत के बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू एप और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत आने वाली भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने जन जागरूकता के लिए हाथ मिलाया है। इस अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन सावधानी, सुरक्षा और उचित साइबर आदतों पर जन जागरूकता को बढ़ाना और सभी यूजर्स के लिए इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाना है। 2022 की थीम (टुगेदर फॉर ए बेटर इंटरनेट) का इस्तेमाल करते हुए सीईआरटी-इन और कू एप सहयोगी रूप से अभियान के तहत यूजर्स को संवेदनशील बना रहे हैं। इसका मकसद यह शिक्षित करना है कि युवाओं को जिम्मेदारी, सम्मानजनक और रचनात्मक तरीके से तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए सशक्त करने में माता-पिता और समाज बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

कू एप  और सीईआरटी-इन के बीच यह गठबंधन इंटरनेट सुरक्षा पर बेहतर जागरूकता के लिए जारी कार्यों का हिस्सा है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के दौरान अक्टूबर 2021 में कू एप  और सीईआरटी-इन ने एक भागीदारी की थी। इसका मकसद यूजर्स को फ़िशिंग, हैकिंग, व्यक्तिगत सूचना सुरक्षा, पासवर्ड और पिन प्रबंधन, क्लिकबैट से बचाव और सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते हुए अपनी गोपनीयता की रक्षा करने संबंधित मुद्दों पर शिक्षित करना था।

इस संबंध में कू एप के प्रवक्ता ने कहा, ‘बहुभाषी मंच के रूप में कू स्थानीय भाषाओं में खुद को ऑनलाइन‌ व्यक्त करने में कू भारतीयों की मदद करता है। इंटरनेट सुरक्षा और जिम्मेदारी भरे यूजर्स व्यवहार को बढ़ावा देने के मामले में कू सबसे आगे है। ऑनलाइन फ्रॉड और द्वेष को रोकने के साथ ही यूजर्स को स्वस्थ कंटेंट बनाने और सार्थक चर्चा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमारे पास मजबूत तंत्र मौजूद है। हमें सेफ इंटरनेट डे पर इंटरनेट को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए सीईआरटी-इन के साथ जुड़कर प्रसन्नता हो रही है।’

सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा के मामलों पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है। सीईआरटी-इन और कू एप ने 8 फरवरी 2022 को आयोजित ‘सेफर इंटरनेट डे’ के मौके पर संयुक्त अभियान चलाए हैं। इसके अंतर्गत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में साइबर सुरक्षा जागरूकता पैदा करने, ऑनलाइन सुरक्षा और सावधानी के संबंध में इंटरनेट यूजर्स को संवेदनशील बनाने और नागरिकों के लिए विस्तृत कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है। कू एप का बहुभाषी मंच नागरिकों के बीच उनकी स्थानीय भाषा में जागरूकता पैदा करने में प्रभावी रहा है। 8 फरवरी 2022 को सेफर इंटरनेट डे 2022 गतिविधियों के हिस्से के रूप में सीईआरटी-इन को पूरी उम्मीद है कि सभी यूजर्स समझेंगे कि प्रौद्योगिकी उन्हें सशक्त बनाती है और वे साइबर स्पेस को अधिक सार्थक बनाने के लिए एक जिम्मेदार तरीके से तकनीकी का इस्तेमाल करेंगे ताकि रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके।

जानें कू एप के बारे में

कू एप की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूप में कू एप भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन मुखर बनाने में सक्षम बनाता है। भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, कू एप भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म ने हाल ही में 2 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छुआ है और अगले एक साल में 10 करोड़ डाउनलोड तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad