ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 1 अप्रैल से पूरे देश में बीएस-6 ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू कर दी है। इस ग्रेड का ईंधन सबसे स्वच्छ माना जाता है। तेल कंपनियों का दावा है कि लागत बढ़ने के बावजूद उन्होंने नए ग्रेड के ईंधन की कीमत नहीं बढ़ाई है। हालांकि वैट बढ़ने के कारण कुछ राज्यों में इनके दाम में बढ़ोतरी हुई है। गौरतलब है कि आयल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम एक पखवाड़े से नहीं बदले हैं। इनके दाम में आखिरी बार संशोधन 16 मार्च को किया गया था।
बीएस 4 से सीधे बीएस 6 ग्रेड का ईंधन शुरू करने वाला भारत एकमात्र देश
बीएस 6 ग्रेड का ईंधन यूरो 6 ईंधन ग्रेड के समान है। भारत एकमात्र देश है जहां बीएस-4 ग्रेड से सीधे बीएस 6 ग्रेड का ईंधन शुरू किया गया है। बीएस 4 ग्रेड के ईंधन में सल्फर की मात्रा 60 पार्ट्स पर मिलियन (पीपीएम) होती थी, जो बीएस 6 ग्रेड में सिर्फ 10 पीपीएम है।
17 साल के निचले स्तर पर चल रहे हैं कच्चे तेल के दाम
इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा है कि नए ग्रेड के ईंधन की लागत ज्यादा होने के कारण दाम में प्रति लीटर 1 रुपए की बढ़ोतरी होनी थी। लेकिन तेल कंपनियों ने ऐसा नहीं करने का फैसला किया। गौरतलब है कि विश्व बाजार में अभी कच्चे तेल के दाम 17 साल के निचले स्तर पर चल रहे हैं। अभी ब्रेंट क्रूड की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में बढ़ी है कीमत
इंडियन ऑयल के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल से पेट्रोल और डीजल के दाम प्रति लीटर 1 रुपए बढ़ गए हैं, जिसकी वजह राज्यों द्वारा वैट का बढ़ाना है। कंपनी के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की सभी ऑयल कंपनियों ने ईंधन अपग्रेड करने के लिए अपनी रिफाइनरी और पाइप लाइन पर 35 हजार करोड़ रुपए का खर्च किया है।