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आईएमएफ ने कहा- भारत ने बुनियादी मुद्दों पर काम किया, लेकिन समस्याओं को हल करने की जरूरत

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने एक बयान दिया है। आईएमएफ ने कहा कि...
आईएमएफ ने कहा- भारत ने बुनियादी मुद्दों पर काम किया, लेकिन समस्याओं को हल करने की जरूरत

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने एक बयान दिया है। आईएमएफ ने कहा कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था के लिए बुनियादी बातों पर तो काम किया है लेकिन समस्या का समाधान करना भी जरूरी है। आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ज्यादा मजबूती के लिए दीर्घकालिक सुधारों की जरूरत महसूस की है। आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि भारत ने अर्थव्यवस्था को लेकर बुनियादी बातों पर काम किया है, लेकिन लंबे समय तक विकास को लेकर कुछ परेशानियां हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। भारतीय महिलाएं काफी प्रतिभाशाली हैं और श्रम शक्ति में उन्हें शामिल किया जाए।

'नॉन-बैंकिंग क्षेत्र में हालात बेहतर करने की जरूरत'

 आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जियोर्जिवा ने वॉशिंगटन डीसी में कहा कि भारत ने बुनियादी चीजों पर बेहतर काम किया है लेकिन अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं हैं जिसका हल करना जरूरी है। खास तौर पर नॉन-बैंकिंग क्षेत्र में हालात बेहतर करने की जरूरत है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी विकास दर अनुमान में कटौती की है। आईएमएफ ने भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर का अनुमान 2019 के लिए मंगलवार को घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था। यह उसके अप्रैल के अनुमानों से 1.2 प्रतिशत कम है। तब उसने 2019 में देश की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। इसी के साथ आईएमएफ ने 2019 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है।

भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1% रहने का अनुमान

आईएमएफ ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। हालांकि उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रह सकती है। यह वर्ष 2018 में भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है।

पिछले साल भारत की वृद्धि दर काफी मजबूत रही

इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने भी बीते रविवार को अपनी दक्षिण एशिया आर्थिक परिदृश्य की नवीनतम रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में गिरकर छह प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था जबकि 2018 में यह 6.9 प्रतिशत थी। आईएमएफ की अप्रैल 2019 की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में जताए अनुमान के मुकाबले 2019 का मौजूदा अनुमान 1.2 प्रतिशत और 2020 का 0.5 प्रतिशत कम है।

आईएमएफ के मुताबिक, यह घरेलू मांग के उम्मीद से ज्यादा कमजोर रहने को प्रतिबिंबित करता है। आईएमएफ ने कहा, 'मौद्रिक नीति में नरम रुख अपनाने, कॉरपोरेट कर घटाने, कॉरपोरेट और पर्यावरण से जुड़ी नियामकीय अनिश्चिताओं को दूर करने के हालिया कदम और ग्रामीण मांग बढ़ाने के सरकारी कार्यक्रमों से वृद्धि को समर्थन मिलेगा। इसका असर कुछ समय बाद परिलक्षित होगा।'

2020 में चीन की विकास दर 5.8% रहने का अनुमान

आईएमएफ ने चालू वर्ष में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत और 2020 में 5.8 प्रतिशत पर आने का अनुमान जताया है, जबकि 2018 में पड़ोसी मुल्क की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत थी। वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के संदर्भ में आईएमएफ ने चेतावनी दी कि वह 2019 के लिए वृद्धि दर अनुमान घटाकर तीन प्रतिशत कर रही है। इसकी प्रमुख वजह व्यापार प्रतिबंधों और भू-राजनैतिक तनाव का बढ़ना है।

'व्यापार और भूराजनैतिक तनाव का तत्काल समाधान करने की जरूरत' 

आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री भारतीय-अमेरिकी गीता गोपीनाथ ने कहा कि अनुमान में यह गिरावट 2017 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने के मुकाबले अधिक गंभीर है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कारकों के एक साथ आने से आई नरमी और इसमें सुधार की अनिश्चिता के साथ वैश्विक परिदृश्य भी अनिश्चित बना हुआ है। आर्थिक वृद्धि दर के तीन प्रतिशत रहने के अनुमान के साथ नीति में सुधार के लिए कोई स्थान नहीं बचा है। ऐसे में नीति निर्माताओं को आपस में मिलकर व्यापार और भूराजनैतिक तनाव का तत्काल समाधान करने की जरूरत है। आईएमएफ ने 2020 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह उसके अप्रैल के अनुमान के मुकाबले 0.2 प्रतिशत कम है।

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