प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले मामले में भगोड़े मेहुल चोकसी की 24 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। इनमें अचल संपत्तियों के अलावा, वाहन, कीमती वस्तुएं, बैंक अकाउंट शामिल हैं। 13 हजार करोड़ रुपये के इस बैंक घोटाले का सह आरोपी मेहुल चोकसी इन दिनों एंटीगुआ में रह रहा है। भारत सरकार भगोड़े मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।
मेहुल चोकसी के खिलाफ देश में ही नहीं विदेश में भी कार्रवाई हो रही है। हाल ही में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने मेहुल चोकसी की नागरिकता को रद्द करने का ऐलान किया था। पीएनबी घोटाले के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर 13 हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। ये मामला 2018 में सामने आया था, तभी से ही विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरे हुए है।
वहीं मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण मामले में सरकारी सूत्रों की मानें तो भारत अभी इस इंतजार में है कि पहले एंटीगुआ की सारी कानूनी प्रक्रिया खत्म हो जाए। उसके बाद ही अपने स्तर पर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पीएनबी घोटाले का आरोपी
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का खुलासा 2018 में हुआ। यह घोटाला करीब 13000 करोड़ का है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड हीरा कारोबारी नीरव मोदी था। घोटाले का खुलासा होने के बाद नीरव मोदी पूरे परिवार के साथ देश से फरार हो गया। साथ ही घोटाले का सह-आरोपी मेहुल चोकसी भी देश से भागने में सफल रहा।
पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दे दिया। इस अंडरटेकिंग के आधार पर नीरव ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों से पैसे निकाले। यह पूरा खेल 2011 से ही शुरू हो गया था। पीएनबी ने 28 जनवरी 2018 को नीरव मोदी की कंपनियों पर मामला दर्ज कराया। इन कंपनियों में नीरव मोदी, निश्चल मोदी और मेहुल चोकसी पार्टनर था। इन्होंने मिलकर सारे पैस कांगकांग ट्रांसफर कर दिए।