केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को भी पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों में राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती के कोई संकेत नहीं दिए।
कांग्रेस शासनकाल में तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर जेटली और सुषमा ने की थी आलोचना
अरुण जेटली ने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है और इनमें कोई तय बदलाव नहीं दिख रहा है। जेटली ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की सुषमा स्वराज और उनके खुद के द्वारा की गई आलोचना का बचाव करते हुए कहा कि उस समय मुद्रास्फीति दहाई अंकों में थी। यदि हम उस समय आलोचना नहीं करते तो यह कर्तव्यों से विमुख होना होता।
उन्होंने कहा कि भारत कच्चे तेल का शुद्ध खरीदार है और जब इसकी कीमतें अल्पकालिक तौर पर भी ऊपर जाती हैं, भारत पर गहरा प्रतिकूल असर होता है। उन्होंने इन्हें बाह्य कारक करार दिया।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में कोई स्पष्ट नियमित बदलाव नहीं होता
जेटली ने कहा, ‘कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में कोई स्पष्ट नियमित बदलाव नहीं होता है। ये ऊपर जाती हैं और गिर जाती हैं। अप्रैल और मई में काफी दबाव रहा था। जुलाई में ये नीचे आईं और अगस्त में ये पुन: चढ़ गईं। पिछले दो दिनों में इनमें सुधार देखा गया है।’ उनसे पेट्रोल-डीजल की सर्वकालिक ऊंची कीमतों तथा इनमें कटौती की विपक्ष की मांग के बारे में पूछा गया था।