महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्याज की कीमत के 100 रुपये के करीब पहुंचने से परेशान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उसने सभी किस्मों के प्याज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है ताकि घरेलू बाजार में सुलभता सुधर सके और कीमतों पर नियंत्रण लग सके। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने प्याज पर स्टॉक लिमिट भी लगा दी है।
तिहरे अंकों के करीब है कीमत
गौरतलब है कि देश में प्याज की कीमतें पिछले महीने से लगातार बढ़ रही हैं। अधिकांश बाजारों में 60-80 रुपये प्रति किलो तक कीमतें पहुंच गई हैं। कई जगह तो इसकी कीमत 100 रुपये के करीब पहुंचने लगी हैं। दिल्ली में भी पिछले दिनों प्याज 95 रुपये तक बिक गया।
इस वजह से आई प्याज में तेजी
आमतौर पर साल के इन महीनों में प्याज की सप्लाई सीमित हो जाती है। गर्मियों की फसल की प्याज खत्म होने लगती है जबकि मौसम की मार के कारण सर्दियों की सप्लाई आने में देरी हो जाती है तो किल्लत होने लगती है। इस साल महाराष्ट्र और अन्य प्याज उत्पादक राज्यों में बाढ़ की स्थिति पैदा होने के कारण प्याज की सप्लाई बाधित हो गई। इससे कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने लगी।
एमईपी नहीं रोक पाया महंगाई
प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए डीजीएफटी ने 13 सितंबर को न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़ाकर 850 डॉलर (60,000 रुपये) प्रति टन कर दिया था। इसका आशय है कि प्याज का निर्यात 60 रुपये से अधिक मूल्य पर करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इससे कीमतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सका तो सरकार ने निर्यात को पूरी तरह रोकने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश और श्रीलंका को एमईपी से कम दाम पर निर्यात किया जा रहा है। इसे भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट 100 क्विंटल
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार खुदरा व्यापारी अधिकतम 100 क्विंटल और थोक व्यापारी 500 क्विंटल तक प्याज का स्टॉक कर सकेंगे। सरकार ने पिछले महीने प्याज की जमाखोरी करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। करीब 50,000 टन प्याज का स्टॉक सरकार द्वारा बाजारों में भेजा जा रहा है।
केंद्र से राज्यों को प्याज की सप्लाई
तीन दिन पहले केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने राज्यों से कहा था कि वे केंद्र से प्याज खरीदकर तत्काल सप्लाई सुधारने के लिए कदम उठाएं। बताया जाता है कि हरियाणा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, त्रिपुरा और ओडिशा ने केंद्र से प्याज खरीदने की इच्छा जताई है।