अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान है कि भारत में 2018 में भी बेरोजगारी की दर 3.5 फीसदी पर बनी रहेगी। जबकि चीन में इस समय बेरोजगारी दर 4.7 प्रतिशत से बढ़कर 4.8 पर रहेगी। वहीं भारत के लिए चिंता का विषय यह है कि यहां 77 फीसदी रोजगार असुरक्षित बने रहेंगे जबकि चीन में केवल 33 प्रतिशत रोजगार ही असुरक्षित की श्रेणी में रहेंगे।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की ताजा रिपोर्ट 'वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट ऐंड सोशल आउटलुक- ट्रेंड्स 2018' के हवाले से बताया है कि देश में बेरोजगारी दर साल 2018 और 2019 में 3.5 फीसदी रहेगी। साल 2017 और 2016 में भी बेरोजगारी की यही स्थिति देखी गई थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में लगभग 5.5 प्रतिशत का शानदार आर्थिक विकास जारी रहेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दक्षिण एशिया में आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने में भूमिका निभा रही है। 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.4 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। 2017 में भारत की विकास दर 6.7 फीसदी रही थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चिंता की बात यह है कि रोजगार के मामले में असंगठित क्षेत्र और 'असुरक्षित' रोजगार का दबदबा है।
इसके मुताबिक असंगठित क्षेत्र में रोजगार के कारण भारत में असुरक्षित रोजगार की दर काफी ऊंची बनी हुई है। हालांकि 2017 से 2019 तक यह 77 फीसदी पर स्थिर है। असुरक्षित रोजगार के अंतर्गत स्वरोजगार या परिवार द्वारा चलाए जा रहे प्रतिष्ठान में काम करना शामिल है। ऐसे लोगों के लिए बेहतर कामकाजी माहौल और पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा का अभाव रहता है।
आइएलओ के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में इस साल लगभग 1.4 अरब लोग असुरक्षित रोजगार की श्रेणी में हैं, इनमें से 39.4 करोड़ यानी एक चौथाई से ज्यादा लोग इकलौते भारत में हैं।