अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से लगभग 30 देशों ने खाद्यान्न और ईंधन सहित अन्य जरूरी वस्तुओं के निर्यात में कटौती की है, जिसे लेकर वह चिंतित है।आईएमएफ ने हाल ही में गेहूं के निर्यात पर मूल रूप से घोषित प्रतिबंध में ढील देने और कुछ माल को भेजने की अनुमति देने के भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया।
आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने वॉशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम खाद्य वस्तुओं, ईंधन और उर्वरकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदमों से बहुत चिंतित हैं, जो वैश्विक स्तर पर मूल्य वृद्धि तथा बाजार में अस्थिरता का कारण बन सकते हैं। इसलिए, यह मुद्दा भारत से कहीं आगे है।”
भारत से जुड़े एक सवाल पर राइस ने कहा, “हमारी निगरानी से संकेत मिलता है कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से लगभग 30 देशों ने खाद्यान्न और ईंधन सहित अन्य जरूरी सामान के निर्यात में कटौती की है। इसलिए, हम इसे लेकर बहुत चिंतित हैं। (आईएमएफ की प्रबंधक निदेशक) क्रिस्टलीना जॉर्जीवा इस मुद्दे पर काफी मुखर रही हैं। (प्रथम उप प्रबंध निदेशक) गीता गोपीनाथ ने भी कल दोबारा यह मुद्दा उठाया था।”
उन्होंने कहा, “भारत के संबंध में हम हाल ही में गेहूं के निर्यात पर घोषित मूल प्रतिबंध में ढील देने और कुछ माल को भेजन की इजाजत देने के उसके फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें पहले से अनुबंधित माल और खाद्य सुरक्षा जरूरतों वाले देशों के लिए निर्यात शामिल है। हम न केवल भारत, बल्कि उन सभी देशों से प्रतिबंधों में और ढील देने की उम्मीद करते हैं, जिन्होंने इन्हें लागू किया है।”