विश्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत ने 23 स्थानों की छलांग लगाई है और अब वह 77वें पायदान पर आ गया है। पिछले साल भारत इस सूची में टॉप 100 में आ गया था, जब उसे 100वां स्थान मिला था। रैंकिंग निर्धारित करने वाले दस अलग-अलग मानकों में भारत ने आठ में सुधार किया है।
व्यापार करने की स्थिति बताने वाली विश्व बैंक की इस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में कुल 190 देशों को रखा गया है। 2016 में भारत इस सूची में 130 स्थान पर था। इसके बाद पिछले साल भारत 100वें स्थान पर पहुंच गया था। पिछली बार की तरह इस बार भी न्यूजीलैंड इस सूची में पहले स्थान पर रहा है, जबकि अफ्रीकी देश सोमालिया सबसे अंतिम स्थान पर है।
एक दिन पहले ही जापान दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने इस सूची का जिक्र जापानी उद्यमियों के साथ एक बैठक में किया था कि कैसे 2014 से लेकर अब तक भारत में व्यापार करना आसान हुआ है, जिसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी स्वीकार कर रही हैं।
सरकार के लिए यह रिपोर्ट इसलिए भी अहम है, क्योंकि सरकार ने पिछले कुछ समय में कई आर्थिक सुधार किये हैं माना जा रहा है कि अगर ये सुधार न हुए होते तो भारत की रैंकिग में सुधार नहीं होता है। इसमें जीएसटी और इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड जैसे सुधारों का सीधा फायदा भारत को मिला है।
क्या हो सकते हैं फायदे?
-सरकार विदेशी निवेशकों से भारत में और अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित कर सकती है।
-अच्छी रैंकिंग से घरेलू कारोबारी भी व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
-इन दोनों स्थितियों से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर बनेंगे।