भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सातवें एसबीआई बैंकिंग एंड इकनॉमिक्स कॉन्क्लेव में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण पिछले 100 वर्षों में सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है जिसने उत्पादन और नौकरियों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इसने दुनिया भर में मौजूदा व्यवस्था, श्रम और कैपिटल के मूवमेंट को कम किया है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हमारे आर्थिक तंत्र को संरक्षित रखने, मौजूदा संकट में अर्थव्यवस्था को सहयोग देने के लिए कई कदम उठाए हैं। आरबीआई के लिए विकास पहली प्राथमिकता है, वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने उभरते जोखिमों की पहचान करने के लिए अपने ऑफसाइट निगरानी तंत्र को मजबूत किया है। आरबीआई पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के लिहाज से समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों से बात कर रहा है। आगे रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से एनपीए बढ़ेगा और पूंजी का क्षरण होगा। मध्यावधि के लिए आरबीआई के नीतिगत कदमों में इस बात का सावधानीपूर्वक आकलन करना होगा कि संकट क्या रूप लेता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पूंजी जुटाना, बफर तैयार करना ऋण प्रवाह और वित्तीय प्रणाली की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए काफी अहम है। लॉकडाउन के प्रतिबंध हटने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के वापस सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि संकट के समय में भारतीय कंपनियों और उद्योगों ने बेहतर काम किया। दबाव में फंसी संपत्ति से निपटने के लिये वैधानिक अधिकार संपन्न ढांचागत प्रणाली की जरूरत है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 27,114 नए मामले
बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 27,114 नए मामले सामने आए हैं और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले शनिवार को आठ लाख के आंकड़े को पार कर गए। यह लगातार आठवां दिन है जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 22,000 से ज्यादा बढ़े हैं। सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 519 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 22,123 हो गई है। शनिवार को देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 8,20,916 हो गए जिनमें से 2,83,407 लोगों का उपचार चल रहा है और 5,15,385 लोग उपचार के बाद संक्रमणमुक्त हो चुके हैं।