सरकार के दावों के विपरीत अर्थव्यवस्था सुस्ती से उबर नहीं पाई है। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर 4.88 फीसदी पर पहुंच गई। खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में तीव्र वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है। खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) की वद्धि दर भी घटकर 2.2 फीसदी पर आ गई है। केंद्रीय सांख्यिकी कायार्लय (सीएसओ) ने मंगलवार को दोनों आंकड़े जारी किए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार कहा था कि जुलाई-सितंबर में वद्धि दर में सुधार के बाद पिछली कुछ तिमाहियों से वृद्धि में गिरावट का सिलसिला रुका है। जुलाई-सितंबर की तिमाही में आर्थिक वद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछली तिमाही में 5.7 प्रतिशत के तीन साल के निचले स्तर पर आ गई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में 3.58 प्रतिशत पर थी।
आंकड़ों के अनुसार, प्रोटीन उत्पादों मसलन अंडों के दाम नवंबर में सालाना आधार पर 7.95 प्रतिशत बढ़े। इससे पिछले महीने अंडे की महंगाई 0.69 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर खाद्य खंड में नवंबर में मुद्रास्फीति 4.42 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 1.9 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति 7.92 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 6.36 प्रतिशत थी। नवंबर में सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 22.48 प्रतिशत बढ़े। ईंधन और बिजली सेक्टर में मुद्रास्फीति 7.92 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 6.36 प्रतिशत थी।