देश की टॉप आईटी कंपनी के दिग्गज और इन्फोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मोहनदास पई ने आशंका जताई है कि अगर अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार नहीं होता है तो इस साल भारतीय आईटी कंपनियां 30 से 40 हजार लोगों को नौकरी से निकाल सकती हैं। उन्होंने कहा कि आईटी कंपनियां हर पांच सालों में मैच्योर होती हैं, इसलिए बहुत लोग अपनी सैलरी को जस्टीफाई नहीं कर पाते हैं और उनकी नौकरी चली जाती है। रोजगार के मुद्दे पर यह खतरे की घंटी है।
इन्फोसिस के पूर्व चीफ फाइनैंशल ऑफिसर मोहनदास पई ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री में हर पांच साल के बाद हजारों लोगों की नौकरी इस तरह से जाती है। पांच सालों में आईटी इंडस्ट्री में बहुत बदलाव होता है और उसी की वजह से लोगों को नौकरी से निकाला जाता है।
मिडिल लेवल के कर्मचारियों पर नौकरी जाने का ज्यादा खतरा
पई ने कहा कि जब कोई इंडस्ट्री मैच्योर होती है तो मिडिल लेवल पर काम करने वाले बहुत से लोग अपनी सैलरी के मुताबिक, कंपनी में वैल्यू एड नहीं कर पाते हैं। यही वजह है कि हर सेक्टर में, हर देश में जब कोई इंडस्ट्री मैच्योर होती है तो बहुत लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जब कोई इंडस्ट्री विकास कर रही होती है तो प्रमोशन भी मिलता है और सैलरी में भी बढ़ोतरी होती है। उस परिस्थिति में कंपनी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन जब कंपनी का विकास रुक जाता है तब मैनेजमेंट को दोबारा अपने पिरामिड पर गौर करना पड़ता है। इस परिस्थिति में मिडिल और अपर लेवल के जिन कर्मचारियों को जरूरत से ज्यादा सैलरी मिलती है, उन पर गाज गिरती है और नौकरी से हाथ धोना पड़ता है।
हर पांच साल बाद आएगी ऐसी स्थिति- पई
पई ने तो यहां तक कहा कि इंडस्ट्री में होने वाले बदलाव की वजह से यह स्थिति हर पांच साल बाद आती है। अगर किसी को मोटी सैलरी मिलती है तो उसे उसके हिसाब से योगदान देना होगा। इसमें पिछड़ने पर उसे नौकरी गंवानी पड़ सकती है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि आईटी सेक्टर में जिन लोगों की नौकरी जाएगी, उनके पास दूसरे अवसर भी मौजूद होंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें खुद को समय के साथ खुद को अपडेट रखना होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नौकरी गंवाने वाले करीब 80 फीसदी कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर होंगे बशर्ते वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हों।
बता दें कि मोहनदास पई का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश की टॉप आईटी कंपनियों ने छंटनी के संकेत दिए हैं। हाल ही में कॉग्निजैंट ने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की बात कही है। इसी तरह इन्फोसिस में भी छंटनी की आशंका है।