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जेटली का दावा, रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त करेंसी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज दावा किया कि रिजर्व बैंक नोटबंदी के बाद पैदा होने वाले मुद्रा के संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार था और उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के चेस्ट में पर्याप्त करेंसी है जो 30 दिसंबर के आगे भी आसानी से चलेगी।
जेटली का दावा, रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त करेंसी

जेटली ने कहा कि रिजर्व बैंक की तैयारियां पूरी थीं। एक भी दिन ऐसा नहीं था जबकि रिजर्व बैंक ने बैंकों को पर्याप्त करेंसी जारी न की हो। एक निश्चित स्तर की करेंसी जारी की जानी थी और इसके लिए तैयारियां पूरी थीं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने अग्रिम में तथा मौजूदा छपाई के चरण में करेंसी का भंडार कायम रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज केंद्रीय बैंक के पास मुद्रा का पर्याप्त भंडार है जो सिर्फ 30 दिसंबर तक के लिए ही काफी नहीं है, बल्कि उससे आगे के लिए भी पर्याप्त है।

चलन में मौजूद मुद्रा के बारे में जेटली ने कहा कि इसका आंकड़ा 30 दिसंबर को उचित गणना के बाद दिया जाएगा। 30 दिसंबर ही बैंकों में पुराने नोट जमा कराने का आखिरी दिन भी है। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि छापी गई मुद्रा डाकघरों में गई हो और फिर बैंकों के पास पहुंची हो और फिर करेंसी चेस्ट में आई हो। ऐसे में दोहरी गिनती की संभावना बनती है। ऐसे में हम आंकड़ों का अनुमान नहीं लगाना चाहते है।

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि आठ नवंबर के बाद से करेंसी की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मुद्रा है जो 30 दिसंबर तक की मांग को पूरा करने के लिए काफी है।

प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा करते हुए लोगों से पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने को कहा था। बंद करेंसी आठ नवंबर को चलन में मौजूद कुल मुद्रा का 86 प्रतिशत या 15.45 लाख करोड़ रुपये थी। नोटबंदी से पहले ही सरकार ने 2,000 रुपये के 200 करोड़ नोट छापने की व्यवस्था कर ली थी। मूल्य के हिसाब से यह मुद्रा चार लाख करोड़ रुपये बैठती है। इसके बाद एक नया 500 रुपये का नोट पेश किया। रिजर्व बैंक की चारों प्रिंटिंग प्रेस मध्य प्रदेश के देवास, महाराष्ट्र के नासिक, पश्चिम बंगाल के सालबोनी तथा कर्नाटक के मैसूरू में युद्धस्तर पर नोट छपाई का काम चल रहा है।

जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद भुगतान के सभी समानांतर और वैकल्पिक तरीकों मसलन डिजिटल भुगतान, क्रेडिट-डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, कुछेक मामलों में तो यह 300 प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे मामले जहां आधार कम है, वहां तो इसमें 1,500 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

रिजर्व बैंक द्वारा पुराने नोटों से जमा पर रिजर्व बैंक के अंकुश के बारे में जेटली ने कहा कि लोगों को एक बार में जाकर पुराने नोट जमा कराने चाहिए। बार-बार जमा कराने पर संदेह पैदा होता है।

उन्होंने कहा कि आज कोई छूट नहीं है। आगे पुराने नोट पाने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में जिसके पास पुरानी मुद्रा है वे इसे एक बार में ही जमा कराएं। वित्त मंत्री ने कहा कि यदि कोई रोज बैंक जाकर पुराने नोट जमा कराता है, तो संदेह पैदा होता है।

बंद 500 और 1,000 के नोटों का मूल्य 15.4 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से 13 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग प्रणाली में वापस आ चुके हैं। ऐसे में केंद्रीय बैंक ने कल नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि लोग अब 30 दिसंबर तक सिर्फ एक बार ही 5,000 रुपये से अधिक के पुराने नोट जमा करा सकते हैं। इसके लिए भी उन्हें वजह बतानी होगी कि पहले उन्होंने इसे जमा क्यों नहीं किया। (एजेंसी)

 

 

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