कोविड-19 महामारी के चलते लॉक डाउन से हो रहे नुकसान को देखते हुए बजाज ऑटो के प्रबंधन ने कर्मचारियों के वेतन में 10 फ़ीसदी कटौती का प्रस्ताव रखा है। यह कटौती लॉक डाउन की बढ़ी हुई अवधि यानी 15 अप्रैल से 3 मई के लिए होगी। कंपनी के एचआर विभाग की तरफ से कर्मचारियों को एक पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि लॉक डाउन के चलते फिक्स्ड कॉस्ट कम करना है इसलिए वेतन में कटौती की जरूरत है। हालांकि कर्मचारी यूनियन के सूत्रों ने बताया कि अगर 20 अप्रैल के बाद उत्पादन शुरू हो जाता है तो वेतन कटौती के प्रस्ताव पर अमल नहीं किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने 20 अप्रैल से दी है कंपनियों को उत्पादन शुरू करने की सशर्त अनुमति
लॉक डाउन के चलते 25 मार्च से पूरे देश में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट का उत्पादन बंद है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को कुछ शर्तों के साथ कंपनियों को 20 अप्रैल से आंशिक उत्पादन शुरू करने की अनुमति दी है। मंत्रालय की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में स्थित मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों में उत्पादन शुरू हो सकता है, हालांकि इसके लिए उन्हें कड़ी शर्तों का पालन करना पड़ेगा। औद्योगिक संस्थानों के अलावा विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) निर्यातोन्मुख इकाइयों, इंडस्ट्रियल एस्टेट और इंडस्ट्रियल टाउनशिप में भी 20 अप्रैल से कामकाज शुरू किया जा सकता है।बजाज ऑटो के एचआर विभाग की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि अभूतपूर्व परिस्थितियों के चलते बहुत से क्षेत्रों में बिजनेस रुक गया है और बड़ी संख्या में कंपनियों ने या तो खर्च घटाने के उपाय घोषित किए हैं या इन उपायों पर भी विचार कर रही हैं। मौजूदा परिस्थितियों में अनिश्चितता ज्यादा है इसलिए बजाज ऑटो समय-समय पर इसकी समीक्षा करती रहेगी।
कंपनी में है करीब 5000 स्थायी कर्मचारी
सूत्रों के मुताबिक बजाज ऑटो कर्मचारी संगठन ने लॉक डाउन के दूसरे चरण की अवधि के लिए वेतन में 10 फ़ीसदी कटौती का प्रस्ताव मान लिया है। कर्मचारी संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हम इस बात से वाकिफ हैं कि कंपनी और देश इस समय किन परिस्थितियों से गुजर रहा है। हालांकि अगर 20 अप्रैल से उत्पादन शुरू होता है तो वेतन कटौती नहीं होगी। उन्होंने बताया कि चाकन औरंगाबाद और पंतनगर प्लांट में करीब 5000 स्थायी कर्मचारी हैं।