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दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया- सिंह बंधुओं ने रेलिगेयर के 1000 करोड़ रुपये निकाले

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने स्थानीय कोर्ट को बताया है कि फोर्टिस हेल्थकेयर के...
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया- सिंह बंधुओं ने रेलिगेयर के 1000 करोड़ रुपये निकाले

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने स्थानीय कोर्ट को बताया है कि फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्होंने रेलिगेयर फिनवेस्ट लि. से करीब 1000 करोड़ रुपये अवैध रूप से निकाले। यह धनराशि कई अन्य कंपनियों से जुड़े लोगों को कॉरपोरेट लोन के तौर पर दी गई।

सिंह बंधुओं की पुलिस कस्टडी बढ़ी

सिंह बंधुओं और रेलिगेयर के पूर्व चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील गोडवानी को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत के समक्ष पेश करते हुए पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने तीन आरोपियों को न्यायालय में पेश करते हुए हिरासत अवधि दो दिन और बढ़ाने की मांग की ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जिन्हें पैसा दिया गया और मुखौटा कंपनियां बनाने का उद्देश्य पता लगाया जा सके। अदालत में पुलिस हिरासत की अवधि दो दिन बढ़ाने की अनुमति दे दी।
दिल्ली पुलिस ने शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह को पिछले दिनों इस मामले में गिरफ्तार किया था। इसी मामले में शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह के साथ रेलिगेयर के पूर्व सीएमडी सुनील गोडवानी समेत दो अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने इन्हें 740 करोड़ रुपए के फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया है।

10 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी

10 अक्टूबर को देर रात धोखाधड़ी और ठगी के आरोप में आर्थिक अपराध शाखा ने मलविंदर और शिविंदर की गिरफ्तारी की। शिविंदर को गुरुवार शाम को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। वहीं, मलविंदर सिंह को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने गुरुवार देर रात पंजाब से पकड़ा। दोनों भाइयों पर धोखाधड़ी और ठगी का आरोप है। शिविंदर के साथ तीन और लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इन चारों की गिरफ्तारी तब हुई थी जब इन सभी को मंदिर मार्ग में ईओडब्ल्यू कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका

इससे पहले मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से भी झटका लगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने फोर्टिस हेल्थकेयर की ओर से दायर याचिका पर सिंह बंधुओं के साथ ही उनकी कंपनियों को भी समन जारी किए हैं। फोर्टिस ने उस बकाया रकम की रिकवरी के लिए याचिका दायर की है जिसे कथित तौर पर पूर्व प्रमोटर्स ने हड़प लिया था।

ट्रांजेक्शन में मिली थी गड़बड़ी

कोर्ट के समन के अनुसार, सिंह बंधुओं को फोर्टिस की ओर से दायर मामले के 30 दिनों के अंदर अपना जवाब देना है। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 अक्टूबर है। एक जांच में कंपनियों के पारस्परिक ट्रांजेक्शनों में 'गड़बड़ियां' पाई गई थीं। इनके तहत सिंह बंधुओं से जुड़ी कंपनियों को कर्ज दिए गए। जून 2018 में रवि राजगोपाल की अगुवाई में फोर्टिस के नए बोर्ड ने इस जांच की रिपोर्ट जारी की थी।

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