देश में लगभग 70 दिनों से लागू लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार में कमी दर्ज की गई है। इस कारण रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को घटा दिया है। वहीं, राहुल गांधी ने भारत की रेटिंग घटाने पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को भारत की सावरेन (राष्ट्रीय) क्रेडिट रेटिंग को पिछले दो दशक से भी अधिक समय में पहली बार ‘बीएए2’ से घटाकर ‘बीएए3’ कर दिया। एजेंसी ने कहा है कि नीति-निर्माताओं के समक्ष आने वाले समय में निम्न आर्थिक वृद्धि, बिगड़ती वित्तीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के दबाव के जोखिम को कम करने की चुनौतियां खड़ी होंगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस द्वारा भारत की रेटिंग बीएए2 से घटाकर बीएए3 किए जाने को लेकर मंगलवार को दावा किया कि अर्थव्यवस्था के संदर्भ में स्थिति इससे ज्यादा खराब होने वाली है।
आगे हालात ज्यादा खराब होने वाले हैं- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मूडीज ने मोदी की अगुआई में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को कबाड़ (जंक) से एक कदम ऊपर रेट किया है। गरीबों और एमएसएमई क्षेत्र को मदद के अभाव का मतलब यह है कि आगे हालात ज्यादा खराब होने वाले हैं।'
चार फीसदी तक गिर सकती है जीडीपी
मूडीज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चार फीसदी तक गिरावट आ सकती है। भारत के मामले में पिछले चार दशक से अधिक समय में यह पहला मौका होगा जब पूरे साल के आंकड़ों में जीडीपी में गिरावट आएगी। इसी अनुमान के चलते मूडीज ने भारत की सरकारी साख रेटिंग को ‘बीएए2’ से एक पायदान नीचे कर ‘बीएए3’ कर दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मूडीज ने इससे पहले नवंबर 2017 में 13 साल के अंतराल के बाद भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान चढ़ाकर ‘बीएए2’ किया था।
आखिरी बार मूडीज ने 1998 में भारत की रेटिंग को इतना कम किया था
‘बीएए3’ सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है। इसके नीचे कबाड़ वाली रेटिंग ही बचती है। एजेंसी ने कहा है कि मूडीज ने भारत की स्थानीय मुद्रा वरिष्ठ बिना गारंटी वाली रेटिंग को भी बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है। इसके साथ ही अल्पकालिक स्थानीय मुद्रा रेटिंग को भी पी-2 से घटाकर पी-3 पर ला दिया गया है।
20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान कर चुकी है मोदी सरकार
कोरोना वायरस महामारी से लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिए मोदी सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान कर चुकी है। हालांकि, विपक्ष खासकर कांग्रेस केंद्र पर लगातार हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार कोविड-19 से पैदा हुए हालात से सही से नहीं निपट पा रही है और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी बुरी तरह नाकाम है।