34 साल पुरानी फार्मास्युटिकल और हेल्थ केयर प्रॉडक्ट्स बनाने वाली कंपनी मोरेपेन लेबोरेटरीज लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2017-18 में 29.59 करोड़ रुपये के साथ अपने समग्र शुद्ध लाभ में 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी का समग्र शुद्ध लाभ 23.63 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2017-18 में समग्र शुद्ध बिक्री राजस्व 598 करोड़ रुपये रहा और यह पिछले साल की 586.41 करोड़ की बिक्री के मुकाबले 1.9 फीसदी अधिक रहा।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान घरेलू बिक्री 21.3 प्रतिशत बढ़कर 414 करोड़ रुपये हो गई और निर्यात बिक्री 25 फीसदी की गिरावट के साथ 183.66 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2017-18 में ईबीआईडीटीए (EBIDTA) में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 68.45 करोड़ रुपये रहा, वार्षिक ब्याज की लागत में 43 फीसदी की गिरावट आई और यह 4.36 करोड़ रुपये रहा। नकद लाभ में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 64.09 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
ब्लड प्रेशर्स मॉनिटर्स और ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर्स की सालाना बिक्री में क्रमशः 75 प्रतिशत और 38 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की गई है। 2017-18 के वित्त वर्ष में ब्लड प्रेशर्स मॉनिटर्स और ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर्स का 46 फीसदी बढ़ोतरी के साथ संयुक्त बिक्री राजस्व 86.57 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 59.26 करोड़ रुपये था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 में 20 लाख ग्लूकोमीटर इंस्टाल करने के लक्ष्य को हासिल किया है। पिछले साल हुई 48 मिलियन ग्लूको स्ट्रिप्स की बिक्री के मुकाबले इस साल 68 मिलियन ग्लूको स्ट्रिप्स की बिक्री हुई।
यह जानकारी मोरेपेन लेबोरेटरीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सुशील सूरी ने चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष 2017-18 के नतीजों की बोर्ड बैठक के बाद दी।
वित्तीय वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में पिछले साल की इसी अवधि में हुए 7 करोड़ के लाभ की तुलना में इस साल समग्र शुद्ध लाभ 4 प्रतिशत की कमी के साथ 6.75 करोड़ रुपये रहा। हालांकि वित्त वर्ष 2017-18 में ईबीआईडीटीए (EBIDTA) 24 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 18.13 करोड़ रुपये रहा। ब्याज लागत में 35 फीसदी की गिरावट आई और यह केवल 81 लाख रुपये रह गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में समग्र शुद्ध बिक्री राजस्व 10.7 फीसदी बढ़कर 169 करोड़ रुपये हो गया। समग्र शुद्ध बिक्री राजस्व बढ़ाने में होम डायगोनिस्टक्स, फार्म्युलेशन और ओटीसी बिजनेस से भरपूर समर्थन मिला। वित्तीय वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कंपनी को घरेलू बाजार में पहुंच बढ़ने की वजह से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में कामयाबी मिली। घरेलू बिक्री में चौथी तिमाही में 52 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 122 करोड़ रुपये तक पहुंच गई हालांकि, निर्यात बिक्री में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और इस अवधि में यह 47 करोड़ रुपये रही।
मोरपेन लैबोरेटरीज लिमिटेड के बारे में
मोरपैन लैबोरेटरीज लिमिटेड 1993 में कंपनी के शेयर पहली बार मार्केट में आई थी। वतर्मान में कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है।
मोरपेन एपीआई/बल्क ड्रग्स, होम डायग्नोटिक्स, फॉरम्युलेशन और ओटीसी प्रॉडक्ट्स का निर्माण और बिक्री करती है। कंपनी का हिमाचल प्रदेश में बद्दी नामक जगह पर आधुनिकतम निर्माण संयंत्र है, जहां वैज्ञानिक रूप से एकीकृत 10 प्लांट्स लगाए गए हैं, जिसमें से हरेक प्लांट में किसी विशेष दवा का निर्माण होता है। मसुलखाना में यूएसएफडीए से मंजूरी प्राप्त निर्माण संयंत्र में एलर्जी को खत्म करने वाली दवा लोराटाडीन बनाई जाती है, जिसे दुनिया भर में क्लैरिटिन के नाम से जाना जाता है। डेसलोराटाडीन और एक नई बेहतरीन दवा मोंटेलुकास्ट का भी निर्माण एफडीए से मंजूरी प्राप्त इस प्लांट में होता है। बद्दी में स्थित कंपनी का यह विशालतम निर्माण संयंत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन की गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (WHO GMP) और यूरोपीय संघ की गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (EU GMP) प्रमाणित सुविधा है। इस संयंत्र में अमेरिका के नियमित बाजारों और विश्व के अनेक अनियमित बाजारों में निर्यात के लिए नई और बाजार में सबसे ज्यादा डिमांड वाली दवाएं जैसे एटोरवास्टेटिन, फेक्सोफेनाडीन और रोसुवास्टेटिन बनाई जाती है।
मोरपेन घरेलू बाजार में 6 प्रमुख चिकित्सा श्रेणी के तहत 100 से ज्यादा ब्रैंडेड दवाओं की बिक्री करती है। कंपनी के पास आधुनिकतम निर्माण संयंत्र के साथ रिसर्च और डिवेलपमेंट (अनुसंधान और विकास) में कार्यरत समर्पित प्रफेशनल्स की मजबूत टीम है। होम डायग्नोस्टिक बिजनेस के क्षेत्र में कंपनी की घरेलू बाजारों में ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर्स और ब्लडप्रेशर मॉनिटर्स की श्रेणी में मजबूत मौजूदगी है। कंपनी के ओटीसी ब्रैंड्स का प्रमोशन पूरी तरह स्वामित्व वाली सहायक कंपनी डॉ. मोरपैन लिमिटेड करती है। डॉ. मोरपेन की मशहूर ओटीसी प्रॉडक्ट लाइन की दवाएं, जिसमें बरनॉल, लेमोलेट, सत-ईसबगोल, पेन-एक्स और दूसरी दवाएं शामिल है, घरेलू बाजार में अच्छी-खासी तादाद में उपलब्ध है।